प्रयागराज:डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं. इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है. डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल एक जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है. कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर्स के सम्मान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने सैंड आर्ट बनाकर उन्हें सम्मनित किया.
डॉक्टर्स को अनूठे अंदाज में सम्मान
सैंड आर्ट पर डॉक्टर और मरीज का चित्र उकेर कर छात्रों ने वर्तमान समय में कोरोना के कहर को दर्शाने का प्रयास किया है. आज एक ओर जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है, वहीं डॉक्टर ऐसे मरीजों से सीधे तौर पर सामने आकर उनका इलाज कर रहे हैं. अपनी जिंदगी की परवाह किए बगैर कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों को नई जिंदगी दे रहे हैं. छात्रों का कहना है कि ऐसे समय में सैंड आर्ट के जरिए हमने उनको सम्मान देने की कोशिश की है.
प्रयागराज: छात्रों ने डॉक्टर्स-डे पर सैंड आर्ट से बनाई अद्भुत आकृति
यूपी के प्रयागराज जिले में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट के छात्रों ने सैंड आर्ट से डॉक्टरों की अद्भुत आकृति बनाई. छात्रों ने 'थैंक यू डॉक्टर' लिखकर डॉक्टर्स-डे मनाया.
आपको बता दें कि कोरोना काल में इस बार डॉक्टर्स की भूमिका बेहद अहम हो गई है. डॉक्टर्स-डे के मौके पर संगम नगरी प्रयागराज के युवा कलाकारों ने रेत से आकृति बनाकर कोरोना वारियर्स बने डॉक्टर्स को अनूठे अंदाज में सम्मान दिया है.
थैंक यू डॉक्टर लिखकर डॉक्टर्स का सम्मान
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट से जुड़े कलाकारों ने कोरोना से बीमार मरीज का इलाज करते डॉक्टर की रेत की आकृति बनाई. इस आकृति में यह दर्शाया गया कि धरती का भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर कोरोना के मुश्किल दौर में अपनी जान की परवाह किए बिना ही लोगों की जिंदगी बचाने में लगे हुए हैं. आकृति के नीचे थैंक यू डॉक्टर लिखकर डॉक्टर्स का शुक्रिया भी अदा किया गया.
संगम के घाट पर तैयार किया गया यह सैंड आर्ट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है. इस सैंड आर्ट को इतनी खूबसूरती से अजय गुप्ता और जोनू नाम के छात्रों ने मिलकर तैयार किया है.