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UGC के निर्देशों के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने कम किया पाठ्यक्रम

यूजीसी से मिले दिशा निर्देश के बाद इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने वर्तमान सत्र के लिए स्नातक और परास्नातक के पाठ्यक्रम में 30 फीसदी तक की कटौती की है. कोविड-19 की वजह से इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 2020-21 सत्र की प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है. इस बीच यूजीसी से मिले दिशा निर्देशों के बाद यूनिवर्सिटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का फैसला किया है.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने कम किया पाठ्यक्रम
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने कम किया पाठ्यक्रम

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Published : Jan 5, 2021, 8:15 PM IST

प्रयागराज: कोरोना महामारी के इस दौर में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में वर्तमान सत्र के लिए स्नातक और परास्नातक के पाठ्यक्रम में 30 फीसदी तक की कटौती की गई है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने पाठ्यक्रम में यह कटौती यूजीसी से मिले दिशा निर्देश के बाद किया है. पाठ्यक्रम में जो कटौती की गई है उसकी मुख्य वजह कोरोना महामारी बताया जा रही है. कोरोना की वजह से अभी तक यूनिवर्सिटी में इस सत्र की प्रवेश प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में क्लासेस भी अभी तक ऑनलाइन ही चल रही है.


वर्तमान सत्र के पाठ्यक्रम में की गई कटौती

कोविड 19 की वजह से इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 2020-21 सत्र की प्रवेश प्रक्रिया अभी चल रही है. इस बीच यूजीसी से मिले दिशा निर्देशों के बाद इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने वर्तमान सत्र के लिए स्नातक और परास्नातक के कई विषयों के पाठ्यक्रम में 30 फ़ीसदी तक की कटौती करने का फैसला लिया है. लेकिन वही यूनिवर्सिटी के कुछ डिपार्टमेंट ऐसे हैं, जहां पर शिक्षकों की कमी नहीं है. तो उन विभागों ने पाठ्यक्रम में कटौती न करने का भी फैसला किया है.

यूजीसी की तरफ से जो दिशा निर्देश दिए गए हैं उसके मुताबिक इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी अपने पाठ्यक्रम में क्षमता अनुसार तीस फीसदी तक कि कटौती कर सकती है. यूजीसी से मिले निर्देशों के मुताबिक विभाग अपनी कार्यक्षमता के अनुसार कोर्स को कम कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी विभागों को पाठ्यक्रम में 30 फीसदी तक की ही कटौती करने की छूट दी है. जिसके बाद विभागों में शिक्षकों और दूसरी सुविधाओं को देखते हुए कई विभागों ने अपने कोर्स में कटौती की है. वहीं जिन विभागों में शिक्षकों की कमी नहीं है उन्होंने अभी तक कोर्स में कटौती न करने का फैसला लिया है.

इस सत्र में कोर्स कम करने को लेकर शिक्षकों की अलग राय

वहीं, इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की इस फैसले को लेकर अलग-अलग राय है. कुछ शिक्षक जहां यूनिवर्सिटी के पाठ्यक्रम कम करने के फैसले को सही ठहरा रहे हैं. वहीं कई ऐसे शिक्षक भी हैं जो पाठ्यक्रम को कम करने को फैसले को सही नहीं मान रहे हैं. उनका कहना है कि छात्रों को पूरा कोर्स पढ़ाया जाना चाहिए.

यूनिवर्सिटी में चल रही हैं ऑनलाइन क्लासेज

पाठ्यक्रम कम करने के इस फैसले के पीछे मुख्य वजह यह भी बताई जा रही है कि कोरोना महामारी की वजह से यूनिवर्सिटी में ऑफलाइन क्लासेज शुरू नहीं हो सकी है. लगभग साल भर से यूनिवर्सिटी में जो भी कोर्स पूरे कराए गए हैं वह सब ऑनलाइन तरीके से ही हुए हैं.अभी ऑफलाइन क्लासेज कब से शुरू होगी यह भी तय नहीं हो सका है. लिहाजा यूजीसी से मिले दिशा निर्देशों के बाद इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में स्नातक के साथ ही परास्नातक कोर्स में कटौती करने का फैसला हुआ है.

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