प्रयागराज: जिंदगी की हर सांस देश के लिए न्योछावर करने वाले चंद्रशेखर आजाद( Chandra Shekhar Azad) की आज यानी 23 जुलाई को 115 में जयंती है. जिसके चलते इलाहाबाद संग्रहालय (Allahabad Museum) से लेकर चंद्रशेखर आजाद पार्क उनको याद करने की तैयारी में जुटा है. संग्रहालय उनकी याद में आजाद गैलरी (Azad Gallery) का निर्माण करेगा. क्योंकि प्रयागराज से चंद्रशेखर आजाद का बहुत ही गहरा नाता रहा है.
चंद्रशेखर आजाद ने बलिदान के पूर्व इलाहाबाद में लंबा समय बिताया था. पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ और कौशांबी में भी उनकी सक्रियता थी. उनका ठिकाना तय नहीं रहता था. उनको खतरे का अंदाजा समय रहते लग जाता था. संग्रहालय के निदेशक ने बताया कि संग्रहालय से 300 मीटर दूर ही उनकी शहादत हुई थी और आज भी उनकी पिस्टल आम लोगों के दर्शन के लिए यहां पर मौजूद है.
वरिष्ठ जानकारों की मानें तो आज पूरे उत्तर भारत में क्रांति का कोई परिचायक है तो वो हैं शहीद चंद्रशेखर आजाद. आज भी आजाद पार्क स्थित उनकी प्रतिमा के सामने खड़े हो जाने से रोंगटे खड़े हो जाते हैं. समाजसेवी अभय अवस्थी ने बताया कि शहीद चंद्रशेखर आजाद देखते ही लोगों को पहचान लेते थे कि यह देश के हित में काम करने वाला है या अहित में.