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डेंगू के मरीज पपीता और बकरी के दूध का सेवन करने से पहले यह जरूर जान लें

प्रयागराज में बकरी के दूध, कीवी, ड्रैगन फ्रूट और पपीता का दाम जहां आसमान छू रहे हैं. वहीं, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (Allahabad Medical Association) ने मरीजों से पपीता और बकरी के दूध (papaya and goat milk) के सेवन से परहेज करने की अपील की है.

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फल और दूध के दाम बढ़े

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Published : Oct 31, 2022, 6:45 PM IST

प्रयागराज:संगम नगरी में डेंगू (dengue patients in prayagraj) के बढ़ते मामले को ध्यान में रखते हुए इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन ने मरीजों से पपीता और बकरी के दूध के सेवन से परहेज करने की अपील की है. एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुबोध जैन का कहना है कि अभी तक डेंगू मरीजों के इलाज में बकरी के दूध और फलों के इस्तेमाल से लाभ मिलने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है. बकरी के दूध, कीवी फ्रूट, ड्रैगन फ्रूट और पपीता के दाम भी बढ़ गए हैं. वहीं डॉक्टर डेंगू मरीजों से दूध और फल का इस्तेमाल करने से परहेज करने की सलाह दे रहे हैं.

प्रयागराज में सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, बीते रविवार तक कुल 842 डेंगू मरीज मिल चुके हैं, जिसमें से 792 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं जबकि 23 लोग अस्पताल में भर्ती है, जहां उनका इलाज चल रहा है. सरकारी रिकॉर्ड के अलावा बात करें तो शहर भर के निजी अस्पतालों में डेंगू मरीजों से बेड भरे हुए हैं. वहीं, सरकारी आंकड़ों में मौत की संख्या भी सिर्फ 6 बताई गई है.

डेंगू की दहशत ऐसी हो गई है कि प्लेटलेट कम होने की जानकारी मिलते ही लोग दवाओं के साथ-साथ बकरी का दूध, कीवी और ड्रैगन फ्रूट का सेवन करना शुरू कर देते है, जो कई बार फायदे की जगह नुकसानदायक साबित हो जाता है.

ड्रैगन फ्रूट और बकरी के दूध का इस्तेमाल करने से करें परहेज

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुबोध जैन का कहना है कि डेंगू मरीजों के परिजन बिना डॉक्टरी सलाह के मरीज को बकरी का दूध, पपीते के पत्ते का रस, कीवी और ड्रैगन फ्रूट का भी इस्तेमाल करने लगते हैं. डेंगू मरीज के इलाज में ये वैज्ञानिक रूप से अभी तक कारगर साबित नहीं हुए है जबकि कई बार पपीते के रस के इस्तेमाल की वजह से मरीज के पेट में कई तरह की दिक्कतें हो जाती हैं.

इतना ही नहीं फलों और दूध के अत्यधिक सेवन की वजह से मरीज की जिंदगी तक खतरे में पड़ जाती है इसलिए डेंगू मरीजों के परिवार वालों को उन्होंने सलाह दी है कि बिना डॉक्टरी सलाह के मरीज को अत्यधिक मात्रा में फल दूध न दें. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि वॉयरल फीवर में भी प्लेटलेट्स कम हो जाते है और बुखार से राहत मिलने के बाद स्वतः बढ़ती भी है. कीवी और ड्रैगन फ्रूट का सेवन भी आम फलों की तरह किया जा सकता है लेकिन डेंगू से ठीक होने के लिए इन फलों का अत्यधिक सेवन करना लाभ की जगह नुकसानदायक हो सकता है.

इस अस्पताल में मरीजों को पपीता और बकरी के दूध से रखा जाता दूर

प्रयागराज में लोगों के बीच ऐसा चलन है कि डेंगू मरीजों को जल्दी स्वस्थ करने के लिए उन्हें पपीता, बकरी का दूध, कीवी और ड्रैगन फ्रूट खिलाया जाता है.लेकिन अब डॉक्टर फलों और बकरी के दूध के इस्तेमाल को नुकसानदायक बता रहे हैं. मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से जुड़े स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती मरीजों को पपीता और बकरी के दूध का इस्तेमाल न करने की साफ हिदायत दी जाती है. वहां मरीजों को सिर्फ लिक्विड का सेवन ज्यादा से ज्यादा करने और दवाएं दी जाती हैं. एसआरएन के डॉक्टरों का भी यही कहना है कि फल और दूध के इस्तेमाल से मरीज के पेट में कई बार दिक्कत बढ़ जाती है.

फल और दूध के दाम बढ़े

डेंगू के बढ़ते मरीजों के बीच कीवी ड्रैगन फ्रूट और पपीता के साथ ही बकरी के दूध का दाम भी बढ़ गया है. ड्रैगन फ्रूट जहां 100 से 150 रुपये में एक मिल रहा है. वहीं, कीवी सौ रुपये में दो से तीन मिल रहे हैं. इसी तरह से पपीता 70 से 80 रुपये किलो में बिक रहा है जबकि बकरी के दूध के दाम आसमान छू रहा है. इस वक्त डेंगू मरीजों के परिजन बकरी के दूध को चार सौ से पांच सौ रुपये लीटर में खरीद रहे हैं. फल बेचने वालों का कहना है कि डिमांड बढ़ने की वजह से फलों के दाम भी बढ़ गए हैं.

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