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राजद्रोह के 2 आरोपियों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक - राजद्रोह के आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक

सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरुद्ध प्रयागराज जिले के मंसूर पार्क में धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में देश व संविधान विरोधी पम्पलेट बांटने के आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. राजद्रोह के दो आरोपियों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय.

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Published : Nov 10, 2020, 9:06 PM IST

प्रयागराज: सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरुद्ध मंसूर पार्क में धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों के समर्थन में देश व संविधान विरोधी पम्पलेट बांटने के आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अहमद अली इमाम अटाला मस्जिद व मुस्लिम नेता सुहेबुर रहमान की याचिका पर कोर्ट ने दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार करते हुए पुलिस रिपोर्ट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति बच्चू लाल और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने दिया है.

क्या है पूरा मामला
करेली थानाध्यक्ष ने इसी वर्ष 6 मार्च को थाना करेली में धारा 124 ए, 153बी आईपीसी में एफआईआर दर्ज कराई की. दर्ज एफआईआर में उन्होंने अंकित किया कि महाबीर चौराहे के पास उन्हें एक पम्पलेट मिला, जिसमें अमन पसंद नागरिकों से अपील के नाम पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरुद्ध मंसूर पार्क में चल रहे धरना प्रदर्शन में सभी से सहयोग देने एवं केंद्र सरकार को हिलाने जैसी बातें, जो राष्ट्रीय अखंडता पर प्रभाव डालने वाली एवं राजद्रोह से संबंधित शब्दों एवं वाक्यों का प्रयोग किया गया है.

बाद में 12 मार्च को फजल खान पार्षद एवं सुहेबुर रहमान को मुखबिर के बताने पर और फजल खान की गिरफ्तारी पर 23 मार्च को अहमद अली, शोएब अंसारी, तनवीर एवं इफ्तेखार को आरोपी बनाया गया था. फजल खान को 6 माह बाद उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी.

अध्यापक भर्ती फार्म की त्रुटि सुधारने की याचिका, सचिव को निर्णय लेने का निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज को 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती-19 में ऑनलाइन आवेदन में डीएलएड के अंक दर्ज करने की गलती सुधारने पर विचार करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने याची को तीन सप्ताह में नये सिरे से प्रत्यावेदन देने एवं सचिव को दो माह में उसे तय करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने जन्मेजय शुक्ल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याची का कहना था कि उसने ऑनलाइन आवेदन भरा था. तकनीकी कारण से फार्म भरने में डीएलएड के अंक चढ़ाने में गलती रह गई, जिसे दुरुस्त करने की अनुमति दी जाय. सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि याची अपनी गलती का लाभ नहीं ले सकता. एक बार फार्म जमा हो गया तो गलती सुधार की अनुमति नहीं है. याची ने इसी कोर्ट के कुमारी वर्षा केस के हवाले से कहा कि कोर्ट ने गलती सुधार पर विचार करने का निर्देश दिया है. इस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है.

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