उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लिव इन रिलेशनशिप पर हाईकोर्ट की टिप्पणी का लोगों ने किया स्वागत, कहा-टीवी सीरियल समाज को कर रहे गुमराह - इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी

इलाहाबाद हाईकोर्ट की टीवी सीरियल और लिव इन रिलेशन (TV serial and live in relationship) को लेकर टिप्पड़ी के बाद समाज के लोगों ने सामने आकर टीवी सीरियल और फिल्मों को समाज को भ्रमित करने वाला बताया है.

Etv Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 10:02 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी की लोगों ने की सराहना.

प्रयागराज:लिव इन रिलेशनशिप को लेकरइलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का लोगों ने समर्थन किया है. समाज के लोगों का भी मानना है कि टीवी सीरियल, सोशल मीडिया और फिल्मों के जरिये भारतीय सभ्य समाज को गुमराह किया जा रहा है. टीवी सीरियल के जरिये लिव इन रिलेशनशिप और शादी शुदा जीवन में महिला पुरुषों का दूसरे के साथ संबंध स्थापित करने की दूषित परंपरा को बढ़ावा दिया जा रहा है.इस तरह के टीवी सीरियल, फिल्मों और शॉर्ट फिल्मों के जरिये समाज के लोगों की मानसिकता को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है. क्योंकि टीवी पर प्रसारित होने वाले कुछ सीरियल ऐसे आ रहे हैं, जिनमें लिव इन रिलेशनशिप के साथ ही तलाक और शादी के बाद के अवैध संबंधों को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है.

हाईकोर्ट के द्वारा किये गए इस टिप्पणी को साधु-संतों के साथ ही समाज के दूसरे लोगों ने स्वागत किया है. हाईकोर्ट की टिप्पणी और फैसले के बाद शिवयोगी मौनी महाराज ने वीडियो संदेश जारी कर इस फैसले का स्वागत किया है. इसी के साथ यह भी कहा कि वह कोर्ट की इस टिप्पणी और फैसले के जरिये दूसरे लोगों को जागरूक भी करेंगे. जिससे युवा पीढ़ी लिव इन रिलेशनशिप और अवैध रिश्तों के प्रति आकर्षित होने की बजाय उसे विकृति मानते हुए उससे दूरी बनाएं.

इसे भी पढ़े-Live in relation पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी, कहा- हर मौसम में साथी बदलना ठीक नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को लिव इन रिलेशन शिप पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि लिव इन रिलेशन को समाज में मान्यता प्राप्त नहीं है. फिल्में और टीवी सीरियल समाज में गंदगी फैला रहे हैं. हर मौसम में साथी बदलना स्थिर और सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है. वहीं युवाओं को बाद में पछतावा भी होता है. लेकिन, तब तक काफी देर हो जाती है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी शुक्रवार को लिव इन रिलेशन से जुड़े एक मामले में सहारनपुर के आरोपी को जमानत देने के दौरान की थी.

बता दें कि सहारनपुर के अदनान पर आरोप लगाया गया था कि वह एक साल लिव इन रिलेशनशिप में रहा. लेकिन, बाद में अलग होने पर साथ में रहने वाली युवती ने आरोप लगाया कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया. इसी केस की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी. आरोपी अदनान पर रेप का मुकदमा दर्ज था. एक साल तक लिव इन रिलेशन में रहने वाली युवती ने गर्भवती होने के बाद अदनान पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ ने कहा कि ऊपरी तौर पर सहमति संबंध बहुत आकर्षक रिश्ता लगता है और युवाओं को लुभाता है. लेकिन, समय बीतने के साथ उन्हें अहसास होता है कि इस रिश्ते की कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है. इस कारण उनमें हताशा बढ़ने लगती है. जिसके बाद उनमें अलगाव होता है.

यह भी पढ़े-बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर एक्ट में सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई

ABOUT THE AUTHOR

...view details