प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने बुधवार को मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद (shahi eidgah masjid) और श्रीकृष्ण जन्मस्थली (shri krishna janmabhoomi) विवाद को लेकर अधीनस्थ अदालत में सुनवाई पर रोक लगा दी है. निचली अदालत में कृष्ण जन्मभूमि स्थल पर पूजा पाठ करने की मांग में सिविल वाद दायर किया गया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित विपक्षियों से 8 सप्ताह में जवाब मांगा हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है.
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने तर्क दिया कि जिला न्यायाधीश मथुरा को सुनवाई का अधिकार ही नहीं है. क्योंकि, वाद का मूल्यांकन 2500000 रुपये से अधिक है और इसलिए जिला न्यायाधीश के पास सुनवाई के लिए आर्थिक क्षेत्राधिकार नहीं है. कोर्ट ने याची के तर्कों को स्वीकार करते हुए मामले में सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया और 8 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश पारित किया. इसके बाद याची दो हफ्ते में इसका प्रत्युत्तर हलफनामा दाखिल कर सकता है.
हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि मामले में प्रतिवादियों को अपने हलफनामा दाखिल करने के लिए दो अवसर प्रदान किया जाएगा. इसके बाद मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. मामले में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन के यहां मुकदमा दाखिल कर 1969 के मस्जिद और मंदिर पक्ष के बीच हुए समझौते को चुनौती दी गई थी. कहा गया था कि समझौता गलत हुआ था. शाही ईदगाह मजिस्द की भूमि वास्तव में श्रीकृष्ण जन्मस्थली है.