प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंगा प्रदूषण मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह जानना चाहा है कि क्या दिन डूबने और निकलने के पहले का जल का सैंपल लिया जाता है. अगर लिया जाता है तो तीन माह का रिकार्ड पेश करें. साथ ही बताएं कि एसटीपी और नाले के शोधन की निगरानी कैसे करते हैं. नाले की बायो रेमेडियल और एसटीपी उत्सर्जन की तीन माह की रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि बनकर तैयार एसटीपी क्यों चालू नहीं हो पा रहे हैं.
तीन महीने की मांगी रिपोर्ट
यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की पूर्णपीठ ने गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट को मेला प्रभारी ने बताया कि नरोरा बांध से 4 हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है. कोर्ट ने इसे मेले के दौरान अनवरत छोड़ने का निर्देश दिया है. मेले में 50 माइक्रोन से कम की पालीथीन की बिक्री और प्रयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. साथ ही एसएसपी को इस कार्य में सहयोग करने को कहा है.