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इंटरमीडिएट के बाद प्रशिक्षण धारक भी सहायक अध्यापक बनने के हकदार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक्ष बनने की योग्‍यता को लेकर बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में इंटरमीडिएट के बाद प्रशिक्षण डिग्री लेने वाले भी नियुक्ति पाने के हकदार हैं. हाईकोर्ट ने स्नातक के बाद प्रशिक्षण न होने के आधार पर याची की नियुक्ति देने से इनकार करने को गलत करार दिया है.

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Published : Mar 19, 2021, 8:54 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में इंटरमीडिएट के बाद प्रशिक्षण डिग्री लेने वाले भी नियुक्ति पाने के हकदार हैं. हाईकोर्ट ने स्नातक के बाद प्रशिक्षण न होने के आधार पर याची की नियुक्ति से इनकार करने को गलत करार दिया है.

कोर्ट ने कहा है कि बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुसार सहायक अध्यापक की नियुक्ति पात्रता 45 फीसदी अंक के साथ 10+2 की डिग्री और प्रशिक्षण है. ऐसे में इंटरमीडिएट के बाद एनसीटीई से मान्य शिक्षा डिप्लोमा धारक को सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्त करने से इनकार करना सही नहीं है. कोर्ट ने अमेठी के बीएसए को याची की नियुक्ति करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायाधीश एसडी. सिंह ने प्रिया देवी की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता मान बहादुर सिंह ने बहस की.

याची का कहना था कि याची का चयन सहायक अध्यापक भर्ती में किया गया. काउन्सिलिंग के बाद यह कहते हुए नियुक्ति देने से इनकार कर दिया गया कि नियमानुसार स्नातक के बाद प्रशिक्षण मान्य अर्हता है. किन्तु याची ने इंटरमीडिएट के बाद प्रशिक्षण हासिल किया है, जिसे चुनौती दी गई थी.

कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर विक्रम सिंह केस में पहले ही व्याख्या कर दी है, जिसके तहत सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की न्यूनतम अर्हता इंटरमीडिएट के साथ प्रशिक्षण डिग्री है. ऐसे में याची को नियुक्ति देने से इनकार करना गलत है.

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