प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पुलिस विभाग में तैनात हेड कॉन्स्टेबल को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि आपराधिक केस दर्ज होते ही अकारण गिरफ्तारी मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है. कोर्ट ने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद किसी की गिरफ्तारी का उपयोग अंतिम विकल्प और अपवाद स्वरूप किया जाना चाहिए. गिरफ्तारी करना जरूरी हो तभी इस शक्ति का प्रयोग किया जाना चाहिए. यही नहीं कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा जोगिन्दर कुमार केस में उल्लिखित नेशनल पुलिस कमीशन की तीसरी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि, भारत में पुलिस द्वारा गिरफ्तारी ही पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार का मुख्य स्रोत है.
ट्रकों को पास कराने के लिए पैसों की वसूली का है मामला
यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ ने अलीगढ़ में तैनात हेड कॉन्स्टेबल जुगेन्दर सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है. याची हेड कॉन्स्टेबल के खिलाफ 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा थाना- देलही गेट, अलीगढ़ में सब इंस्पेक्टर ने दर्ज कराया है. याची पर आरोप लगाया गया है कि वह एक अन्य सिपाही के साथ मिलकर ट्रकों को पास कराने के लिए पैसों की वसूली करता हैं. इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ. मामला संज्ञान में आने पर विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है.
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