प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि वाद के जल्दी निस्तारण की मांग करने का अधिकार आरोपी को भी है. सिर्फ शिकायत कर्ता तक यह अधिकार सीमित नहीं है. कोर्ट ने कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हिस्सा है. कोर्ट ने निचली अदालतों को यह निर्देश भी दिया कि वे आपराधिक कार्यवाहियाें का निस्तारण शीघ्रता से समाप्त करें। कोर्ट ने 24 साल पुराने आपराधिक मामले को रद्द कर दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमसेरी ने अलीगढ़ के डॉ. मीराज अली व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने इतने पुराने मामले में आपराधिक कार्यवाही को केवल डिस्चार्ज आवेदन के चरण तक पहुंचने पर नाराजगी जताई. कहा कि याचियों की इतने सालों तक कार्रवाई पूरी न होने की पीड़ा की भरपाई नहीं की जा सकती है.