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सीएम के खिलाफ परिवाद दर्ज करने के मामले में फैसला सुरक्षित - इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने सीएम के खिलाफ परिवाद दर्ज करने के मामले में फैसला सुरक्षित रखा है. मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने याचिका में अधीनस्थ अदालतों के आदेशों को चुनौती दी है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Sep 27, 2022, 10:53 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) ने हनुमानजी को लेकर आपत्तिजनक बयान देने पर सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ परिवाद चलाने की अर्जी खारिज करने के विरुद्ध दाखिल याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने याची नवल किशोर शर्मा के अधिवक्ता मोहम्मद फारूकी और राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम एके संड को सुनकर दिया है.

मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने याचिका में अधीनस्थ अदालतों के आदेशों को चुनौती दी है. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और एजीए प्रथम एके संड ने याचिका का विरोध किया. याचिका में कहा गया है कि 28 नवंबर 2018 को राजस्थान में अलवर जिले के मालाखेड़ा में चुनावी सभा के दौरा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली को लेकर जो भाषण दिया, उसे धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला मानते हुए मऊ जिले में परिवाद दाखिल किया गया. जिसे स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए ने 11 मार्च 2022 को क्षेत्राधिकार के आधार पर खारिज कर दिया. उस आदेश के विरुद्ध सेशन कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल हुआ.

सेशन कोर्ट ने 26 अप्रैल 2022 को उस पर हस्तक्षेप से इनकार करते हुए खारिज कर दिया. इन दोनों आदेशों को चुनौती देते हुए यह याचिका दाखिल की गई. याचिका में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आईपीसी की धारा 295ए, 298 ,419, 420 व 501 के तहत परिवाद दर्ज किए जाने का आदेश देने की मांग की गई है.

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