प्रयागराजः कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज बलवा, तोड़फोड़ व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मुकदमे में आरोपी पक्ष को केस डायरी उपलब्ध कराए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. सुरजेवाला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पठनीय केस डायरी दिए जाने की मांग की है.
इस मामले में अभियोजन का कहना है कि सुरजेवाला को केस डायरी की पठनीय प्रति पहले ही उपलब्ध कराई जा चुकी है. इसके बावजूद यदि वह प्रति चाहते हैं तो स्वयं आकर केस डायरी का अवलोकन कर सकते हैं. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दोनों पक्षों के बाद को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है.
सुरजेवाला के खिलाफ वर्ष 2000 में वाराणसी के कैंट थाने में बलवा, तोड़फोड़, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी अधिकारियों और पुलिस पर हमला करने आदि गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमे की कार्रवाई स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए वाराणसी में चल रही है. सुरजेवाला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुकदमे की कार्रवाई व प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
कौन हैं रणदीप सुरजेवाला
रणदीप सुरजेवाला को राजनीति विरासत में मिली है. उनके पिता स्व. चौधरी शमशेर सिंह सुरजेवाला कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. कैथल विधानसभा से उनके पिता शमशेर सिंह सुरजेवाला ने चुनाव जीता था. 2010 व 2015 में रणदीप सुरजेवाला कैथल से विधायक बने और मंत्री बने. रणदीप सुरजेवाला दो बार विधायक रह चुके हैं.
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