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हाईकोर्ट ने गैंगरेप के मुख्य आरोपी शिवसागर यादव की जमानत अर्जी की खारिज, सत्र न्यायालय को डेढ़ साल में मुकदमे का ट्रायल पूर्ण करने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2019 में प्रयागराज के झूंसी इलाके में हुई गैंगरेप की घटना के मुख्य आरोपी शिवसागर यादव की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय को डेढ़ साल में मुकदमे का ट्रायल पूर्ण करने का निर्देश भी दिया है.

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Published : Aug 14, 2021, 10:35 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज:इलाहाबाद हाइकोर्ट ने प्रयागराज के झूंसी इलाके में छात्रा को बस से खींचकर गैंगरेप और लूटपाट के मामले में मुख्य आरोपी शिवसागर यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. साथ ही सत्र न्यायालय को एक से डेढ़ साल में मुकदमे का ट्रायल पूर्ण करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने दिया है.

अधिवक्ता सुनील चौधरी के अनुसार, पीड़िता के पिता ने 24 फरवरी 2019 को याची, अमित पासी, विनीत पासी और 6-7 अज्ञात के विरुद्ध झूंसी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. आरोप था कि उनकी बेटी सुबह वाराणसी जाने के लिए अंदावा से बस में जा रही थी, तभी मुख्य आरोपी शिवसागर यादवऔर दो अन्य नामजद और 6-7 अज्ञात लोगों ने बस रोककर जबरदस्ती पीड़िता को बस से उतार लिया और कार में बैठाकर अज्ञात जगह ले जाकर जबरन नशीला पदार्थ पिलाकर गैंगरेप किया. रास्ते मे उसके सोने के जेवरात, नगद धनराशि और मोबाइल लूट लिया गया. साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई. पीड़िता ने पुलिस को बयान दिया कि सभी आरोपियों ने जबरन कई बार रेप किया और सिगरेट से जलाकर शारीरिक शोषण भी किया. पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान में बताया कि परिचित होने पर याची 2018 से पीड़िता का अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल और शारीरिक शोषण किया करता था. पुलिस के छापा मारने पर याची नशे की हालत में निर्वस्त्र पाया गया. पीड़िता ने डॉक्टर को बयान में बताया कि नाक, कोहनी, हाथ आदि में चोट आई है, उसे सिगरेट से दागा गया है. उसके कपड़ों पर खून के धब्बे थे और उसके साथ बहुत बुरी तरीके से गैंग रेप किया गया था. याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता याची के साथ रिलेशन में थी. सहअभियुक्त अमित पासी व विनीत पासी की जमानत हो चुकी है, उसी आधार पर याची की भी जमानत मंजूर की जाए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी.

पीड़िता के अधिवक्ता सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि पीड़िता के साथ कसाई जैसा व्यवहार किया गया है. मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार धमकी मिलने पर सरकार ने एक गनर भी पीड़िता के परिवार को दिया है. आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कई सामाजिक संगठनों ने आंदोलन भी किया था.

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