प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साढ़े नौ करोड़ की बैंक धोखाधड़ी व गबन के आरोपी अंशुमान दुबे को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है. इनके सहित दर्जनों आरोपियों के खिलाफ प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजर अमित मालवीय ने 5 अप्रैल 2020 को एफआईआर दर्ज कराई थी. याची पर सर्विस डेवलपर ऑफिसर रहते डेढ़ साल में कोटक महिंद्रा बैंक के करोड़ों रूपये, बड़ौदा बैंक व यूनियन बैंक की करेंसी चेस्ट में जमा करने में गबन कर अकूत संपत्ति खरीदने का आरोप है.
न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि आर्थिक अपराध की जड़ें गहरी होती है. इससे जन-धन का भारी नुकसान होता है. देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाला यह गंभीर अपराध है, जिसे गंभीरता से लेना चाहिए. 4 अप्रैल 2020 को सेन्ट्रल रीडिंग यूनिट ने जानकारी दी कि खुल्दाबाद शाखा करेंसी चेस्ट मैच नहीं कर रही है. करेंसी चेस्ट में कम पैसा जमा किया गया है.
याची के पास से 42,33,500 रुपये नकद, 1.2 किग्रा. सोने-चांदी के जेवर बरामद हुए. यह भी पता चला कि उसकी पत्नी के नाम बस्ती में प्लॉट और गोरखपुर में फ्लैट है. याची ने उस दौरान कंपास जीप खरीदी है. 3 जुलाई 2020 को याची सहित 6 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी. 16 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है.