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UP के 5 जिलों में लॉकडाउन लगाने का कोर्ट का आदेश, सरकार ने किया इंकार - 5 जिलों में लॉकडाउन लगाने का कोर्ट का आदेश

इलाबाहाद हाईकोर्ट
इलाबाहाद हाईकोर्ट

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Published : Apr 19, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 10:42 PM IST

21:17 April 19

कोरोना गाइडलाइंस की अवहेलना करने वाले राजनीतिक दलों पर आपदा प्रबंधन और महामारी एक्ट की कार्रवाई करने का निर्देश

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पंचायत चुनाव में कोरोना गाइडलाइंस की अवहेलना कर आयोजन करने वाले राजनीतिक दलों पर आपदा प्रबंधन और महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. साथ ही रिपोर्ट भी मांगी है. इतना ही नहीं जिस तरह से सरकार व चुनाव आयोग जानते हुए भी अध्यापकों और कर्मचारियों को जोखिम में डाल रही है, उस पर भी कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक रैलियों में लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं अपना रहे है. ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाए. 

17:29 April 19

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार को लखनऊ, कानपुर नगर वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह लॉकडाउन आज रात से लागू किया जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से 15 दिनों के लिए पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगाने पर विचार करने को कहा है.

UP के 5 जिलों में लॉकडाउन.

प्रयागराज:प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों और विफल चिकित्सा तंत्र को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पांच अधिक प्रभावित शहरों में 26 अप्रैल तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करने के लिए यूपी सरकार को निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान केवल जरूरी सेवाओं के संचालन की अनुमति दी जाए. हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को सोमवार रात से ही प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी और गोरखपुर में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण पर ब्रेक लगाने के लिए प्रदेश में दो हफ्ते तक पूर्ण लॉकडाउन लागू करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया है. वहीं यूपी सरकार ने शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने से इनकार कर दिया है. अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा है कि जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है, अतः शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा. 

जनहित याचिका पर दिया आदेश

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण मामले की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.  

शासन की कार्रवाई को कोर्ट ने नहीं माना संतोषजनक 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पिछले निर्देशों पर शासन की कार्रवाई को संतोषजनक नहीं माना और कहा कि लोग सड़कों पर बिना मास्क लगाए चल रहे हैं. सौ फीसदी मास्क लगाने को पुलिस लागू करने मे विफल रही है. संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. अस्पतालों में दवाओं व आक्सीजन की भारी कमी है. लोग दवा के अभाव मे इलाज के बगैर मर रहे हैं. इसके बावजूद सरकार ने कोई फौरी योजना नहीं बनाई और न ही कोई पूर्व तैयारी की. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर, मेडिकल स्टॉफ सहित मुख्यमंत्री तक संक्रमित हैं. मरीज इलाज के लिए अस्पतालों की दौड़ लगा रहे हैं.  

'युद्ध स्तर पर प्रयास की जरूरत'

कोर्ट ने कहा इस आपदा से निपटने के लिए सरकार के लिए तुरंत इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना कठिन है, किन्तु युद्ध स्तर पर प्रयास की जरूरत है. कोर्ट ने कहा प्रयागराज शहर की आबादी 30 लाख है. 12 अस्पतालों में 1,977 बेड और 514 आई सी यू बेड ही हैं. प्रयागराज में केवल 0.5 फीसदी लोगों के लिए इलाज की व्यवस्था है. 20 बेड प्रतिदिन बढाये जा रहे हैं. एक तिहाई हेल्थ वर्कर से काम लिया जा रहा है. भारी संख्या में वे भी संक्रमित हैं. प्रदेश में जीवन रक्षक दवाओं की कमी है.  

सरकार से कोर्ट ने किया सवाल

कोर्ट ने कहा, लखनऊ मे 1000 बेड बने हैं, लेकिन ये नाकाफी हैं. जरूरत इससे भी अधिक की है. हर पांचवा घर सर्दी-जुकाम से पीड़ित है.  जांच कराने वालों की जांच नहीं हो पा रही है. वीआईपी को 12 घंटे मे रिपोर्ट तो आम आदमी को तीन दिन बाद जांच रिपोर्ट मिल रही है. कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल करते हुए कहा कि इन तीन दिनों तक मरीज कहां जाए.  

'नाइट कर्फ्यू आई वॉश के सिवाय कुछ नहीं' 

नाइट कर्फ्यू  को लेकर कोर्ट ने कहा कि नाइट कर्फ्यू आई वॉश के सिवाय कुछ नहीं है. कोरोना ब्रेक के लिए कम से कम एक हफ्ते तक लॉकडाउन लगाया जाना जरूरी है. कुछ लोगों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतने के लिए कोर्ट छोड़ नहीं सकती.  

कोरोना संक्रमण पर हाईकोर्ट के निर्देश  

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक वित्तीय संस्थान और विभाग, मेडिकल और स्वास्थ्य सेवा ,औद्योगिक और वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान, नगर निकाय कार्य, सार्वजनिक परिवहन के सिवाय सभी सरकारी गैर सरकारी संस्थान बंद रहेंगे. मेडिकल के सिवाय शापिंग काम्प्लेक्स और मॉल ग्रोसरी और व्यावसायिक दुकानें भी बंद रहेंगी. 26 अप्रैल तक होटल रेस्टोरेंट, खाद्य सामग्री बेचने वाले स्थल बंद रहेंगे. हर प्रकार के शैक्षिक संस्थान बंद रहेंगे. सामाजिक और शादी कार्यक्रम बंद रहेंगे. पहले से तय शादी की अनुमति संक्रमण की स्थिति के अनुसार दी जाएगी. कोर्ट ने कहा है कि शादी में 25 लोग ही शामिल होंगे, जिसकी अनुमति जिलाधिकारी से लेनी होगी. 

कोर्ट ने कहा है कि सार्वजनिक स्थान पर धार्मिक क्रियाकलाप निलंबित रहेंगे. धार्मिक संस्थान बंद रहेंगे. हॉकर, फल-सब्जी, वेन्डर्स, दूध-ब्रेड आदि चीजें 11बजे तक ही बेची जा सकेंगी. सड़क पर आपात सेवा और मेडिकल सेवा के अलावा यातायात नहीं चलेगा. कोर्ट ने कहा है कि हर कन्टेनमेन्टजोन की सूचना अखबार में देनी होगी. 

 लॉक डाउन के आदेश पर सरकार का पक्ष  
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने भेजे संदेश में कहा है कि आज माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने अवगत कराया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और कोरोना के नियंत्रण के लिए सख्ती आवश्यक है. सरकार ने इसके लिए कई कदम उठाए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. नवनीत सहगल ने कहा है कि जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है.अतः शहरों मे सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा. लोग स्वतः स्फूर्ति से भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं.  

Last Updated : Apr 19, 2021, 10:42 PM IST

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