प्रयागराज: कानपुर मेट्रो परियोजना को इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक अंतरिम आदेश से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने कानपुर विकास प्राधिकरण को वर्ष 1991 के मास्टर प्लान में घोषित सार्वजनिक भूमि की प्रकृति बदलकर उस पर निर्माण की अनुमति देने से रोक दिया है.
केडीए 1991 के मास्टर प्लान को नहीं बदल सकता: हाईकोर्ट - up news
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर विकास प्राधिकरण को 1991 के मास्टर प्लान को करारा झटका दिया है. कोर्ट ने प्लान में घोषित भूमि की प्रकृति पर बदलकर निर्माण करने पर रोक लगा दी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल एवं न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने जफर आबिद व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है. जनहित याचिका में वर्ष 1991 के मास्टर प्लान और पर्यावरण का मुद्दा उठाया गया है.
22 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
कहा गया है कि यदि कानपुर विकास प्राधिकरण को लोक सम्पत्तियों की प्रकृति बदलने की अनुमति दी गई तो कानपुर शहर का पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो जाएगा. याचिका में कानपुर विकास प्राधिकरण पर वर्ष 1991 के मास्टर प्लान में बदलाव कर सार्वजनिक उपयोग की जमीनों पर निर्माण की अनुमति देने का आरोप लगाया गया है. कोर्ट ने केडीए सहित अन्य विपक्षियों से जनहित याचिका पर जवाब मांगते हुए मामले पर अगली सुनवाई 22 नवंबर तय की है.