प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षा के सभी चयन आयोगों (Education Service Selection Commission) के एकीकरण कर नया शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाने के सरकार के हलफनामे पर कहा कि उच्च शिक्षा सेवा आयोग को ऐसे आयोग में कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है, जो अब तक वजूद में ही नहीं है.
एडवोकेट अनूप बर्नवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कोर्ट का कहना है कि सरकार किसी ऐसी संस्था का विलय कैसे कर सकती है, जो अभी तक बनी ही नहीं है. कोर्ट ने कहा कि कैसे एक संस्थान को एक गैर वजूद वाले संस्थान में स्थानांतरित किया जा सकता है.
अधिवक्ता ने बताया कि प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में 917 सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए अधिसूचना संख्या 51 के माध्यम से वर्तमान उच्च शिक्षा सेवा आयोग द्वारा परीक्षा आयोजित करने के लिए राज्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही मामले में सुनवाई के लिए 24 जुलाई तय की गई है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव महेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने शपथपत्र दाखिल कर बताया कि राज्य सरकार सभी चयन आयोगों का एकीकरण कर नया शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाने के प्रति संवेदनशील है. जल्द ही इसका अध्यादेश भी ला सकती है.