प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों का पीड़ितों को उचित लाभ पहुंचाने के लिए बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) को पर्याप्त सुविधाएं (Facilities to CWC ) देने का निर्देश दिया. कोर्ट ने हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी से अनुरोध किया है कि वह इस पर विचार करें.
पॉक्सो एक्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court on POCSO Act) ने राज्य सरकार को भी बाल कल्याण समिति को सुविधाएं देने पर विचार करने के लिए कहा. साथ ही मुकदमों के ट्रायल में हो रहे अनावश्यक विलंब को देखते हुए कोर्ट ने कहा है कि विचारण अदालतें आरोपियों के अधिकारों का भी ध्यान रखें तथा मुकदमे में अनावश्यक विलंब ना हो यह सुनिश्चित करें. कोर्ट ने कहा है कि गवाही पर समय से ना आने वाले गवाहों और मुकदमे को टालने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाने वाले पक्षकारों को न सिर्फ हतोत्साहित किया जाए बल्कि उन पर हर्जाना भी लगाया जाए.
झूसी प्रयागराज के रियाजुद्दीन की जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया. कोर्ट ने इस मामले में सीडब्ल्यूसी प्रयागराज के अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश मिश्रा को तलब किया था. उन्होंने अदालत को बताया कि पुलिस के अधिकारी सीडब्ल्यूसी को घटना की जानकारी समय से नहीं देते हैं जिसकी वजह से पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़ित की सहायता में सुरक्षात्मक कदम उठाने में देरी देरी होती है तथा इस अदालत द्वारा जुनैद केस में दिए गए निर्देशों का भी पालन करने में समस्या आती है.