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SC/ST एक्ट में सरकार को नोटिस देने के 7वें दिन कोर्ट में अवश्य पेश की जाए अर्जी- हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अपील पर सुनवाई करते हुए एक समादेश जारी किया. इसमें कोर्ट ने कहा है कि पुलिस पीड़ित या आश्रित को अर्जी की सूचना दे ताकि सुनवाई के दिन वह कोर्ट मे अपना पक्ष रख सके. साथ ही अर्जी पर पुलिस जानकारी समय के भीतर उपलब्ध कराये ताकि आरोपी को न्याय मिलने मे देरी न होने पाये.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Jan 13, 2021, 7:44 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को सामान्य समादेश जारी कर कहा है कि एस सी, एस टी एक्ट के तहत अपराध में जमानत अर्जी/अपील सरकार को नोटिस के सातवें दिन कोर्ट में अवश्य पेश की जाय. इस दौरान पुलिस पीड़ित या आश्रित को अर्जी की सूचना दे ताकि सुनवाई के दिन वह कोर्ट मे अपना पक्ष रख सके. साथ ही अर्जी पर पुलिस जानकारी समय के भीतर उपलब्ध कराये ताकि आरोपी को न्याय मिलने मे देरी न होने पाये. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने अजीत चौधरी की अपील पर दिया है.

याची को किया रिहा

इसी के साथ कोर्ट ने गाजीपुर के करकंदा थाना क्षेत्र के याची अजीत चौधरी को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. सह अभियुक्त को पहले ही जमानत मिल चुकी है.

'समय के भीतर कार्यवाही पूरी करे पुलिस'

कोर्ट ने अजीत चौधरी की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि धारा 15 ए (3) और (5) में साफतौर पर कहा गया है कि पीड़ित या आश्रित को कोर्ट कार्यवाही की सूचना दी जाय. उसे सुनवाई का हक दिया जाय. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित या आश्रित को नोटिस न मिल पाने या उसके हाजिर न होने के चलते अभियुक्त को अनिश्चित काल तक सुनवाई से वंचित नही किया जा सकता. इसलिए पुलिस समय के भीतर कार्यवाही पूरी करे. सरकार को अर्जी / अपील की नोटिस के सातवें दिन पूरी जानकारी के साथ पत्रावली कोर्ट में पेश की जाए.

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