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एमडी कोर्स में प्रवेश मामला: विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को हाजिर होने के निर्देश, अगली सुनवाई 2 मार्च को - न्यायमूर्ति डाॅ. केजे ठाकर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिकित्सा संस्थान की परीक्षा में सफल होने के बावजूद प्रवेश नहीं मिलने के मामले में नौकरशाही के रवैए पर नाराजगी जाहिर की है. काेर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों और विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को अगली सुनवाई पर हाजिर होने के निर्देश दिए है.

Allahabad High Court
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Published : Feb 24, 2022, 10:16 PM IST

प्रयागराज:बरेली के चिकित्सा संस्थान की परीक्षा में सफल होने के बावजूद प्रवेश नहीं मिलने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में नौकरशाही के रवैए पर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने याची के 15 जून 2021 में एमडी रेडियो डायग्नोसिस कोर्स में प्रवेश के संबंध में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण को विचार करने का निर्देश दिया था. फरवरी 2022 आ गई, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. काेर्ट ने जिम्मेदार अधिकारियों और विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को हाजिर होने के निर्देश दिए है. अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी.

याची ने दिल्ली होते हुए बरेली तक की दौड़ लगाई किन्तु सफल घोषित होने के बावजूद उसे प्रवेश नहीं दिया गया. मामले में बरेली स्थित विश्वविद्यालयों श्रीराममूर्ति स्मारक संस्थान एवं चिकित्सा विज्ञान और राजश्री चिकित्सा शोध संस्थान एवं अस्पताल की तरफ से कहा गया कि वे प्रवेश देने के लिए तैयार हैं, बशर्ते सरकार उन्हें इसकी अनुमति दे. याची अधिवक्ता रमेश कुमार शुक्ल का कहना है कि सामान्य ईडब्ल्यूएस कोटे का कट आफ अंक 366 है और याची को 390अंक मिले हैं. जब याचिका दायर की गई थी तब सीट खाली थी. अब सभी सीटें भरी जा चुकी हैं.

न्यायमूर्ति डाॅ. केजे ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने डाॅ. पटेल ध्रुविल मुकेश भाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए महानिदेशक व दोनों विश्वविद्यालयों को याची को एमडी कोर्स में प्रवेश करने का एक मौका दिया है. कोर्ट ने कहा है कि मामले में निर्णय लेकर 2 मार्च को सूचित करें. उस दिन महानिदेशक जिम्मेदार अधिकारी भेजें, ताकि पता चले कि छः महीने में निर्णय क्यों नहीं लिया गया. साथ ही विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को भी हाजिर होने का निर्देश दिया है, ताकि 2 मार्च को समस्या का हल निकाला जा सके.

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न्यायमूर्ति डाॅ. केजे ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने विपक्षी अधिकारियों से कहा है कि इस निर्देश को गंभीरता से लें. जरूरत हो तो भारतीय चिकित्सा परिषद से अनुमति ले ली जाय. याचिका पर अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी.

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