प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट में वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी की पूजा के मामले में हिंदू पक्ष ने अपने तर्कों के समर्थन में आजादी के पहले चले दीवानी मुकदमे के तथ्य प्रस्तुत किए. इसके साथ ही विवादित परिसर में हिंदू मंदिर और उनके अंदर देवी देवता की प्रतिमा स्थापित होने के तथ्य स्थापित करने का प्रयास किया.
समयाभाव के कारण गुरुवार को भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. इस पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 दिसंबर की तारीख लगा दी है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पहले जेम्स प्रिंसेप की किताब के तथ्यों के हवाले से कहा कि इस किताब के तथ्य इस बात का प्रमाण हैं कि विवादित परिसर में हिंदू मंदिर और उनके अंदर देवी देवताओं की प्रतिमाएं थीं. इसके साथ ही औरंगजेब के फरमान पर ध्वस्तीकरण से मंदिर का मूल स्वरूप नहीं बदला. (Gyanvapi episode Shringar Gauri case)