उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बालिग महिला को अपनी पसंद और शर्तों पर पति के साथ रहने का अधिकार- इलाहाबाद हाईकोर्ट - प्रयागराज समाचार

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिखा और अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज नकवी तथा न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि बालिग महिला को अपनी पसंद और शर्तों पर पति के साथ बिना किसी बाधा के जीने का अधिकार है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

By

Published : Dec 28, 2020, 10:42 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए बेहद महत्वपूर्ण आदेश दिया है. सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बालिग महिला को अपनी पसंद और शर्तों पर पति के साथ बिना किसी बाधा के जीने का अधिकार है. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीजेएम एटा और बाल कल्याण समिति(सी डब्ल्यू सी) के रवैये पर तीखी टिप्पणी की है और कहा कि इनके कार्य से कानूनी उपबंधों को समझने की इनकी क्षमता में कमी दिखायी दी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की सुनवाई

दरअसल सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिखा और अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर न्यायमूर्ति पंकज नकवी तथा न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई की. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस को दोनों पति-पत्नी की सुरक्षा करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने याची के पति के खिलाफ अपहरण के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है.

कोर्ट ने कहा है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 95 से स्पष्ट है कि यदि स्कूल का जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध है तो अन्य साक्ष्य द्वितीय माने जायेंगे. स्कूल प्रमाणपत्र में याची की जन्मतिथि 4 अक्टूबर 1999 दर्ज है. वह बालिग है. इसके बावजूद सीजेएम एटा ने कानूनी उपबंधों के विपरीत याची की अभिरक्षा उसके माता-पिता को सौंप दी. इस मामले में कोर्ट ने कहा कि याची बालिग है. वह अपनी मर्जी से जहां चाहे जा सकती है.

क्या था मामला

बता दें कि एटा की शिखा ने सलमान उर्फ करन से अंतर धार्मिक विवाह किया था. इस मामले में लडकी के परिवार वालों ने अपहरण के आरोप में 27 सितंबर 20 को एटा कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन में दर्ज करायी गयी थी. पुलिस ने लडकी को कोर्ट में पेश किया. इस मामले में सीजेएम एटा ने पहले याची को बाल कल्याण समिति भेज दिया था. उसकी रिपोर्ट के बाद मजिस्ट्रेट ने लड़की को माता-पिता को सुपुर्द कर दिया.

'कानून के विपरीत था सीजेएम एटा का आदेश'

इसके बाद याची के पति सलमान उर्फ करन ने इस अवैध निरूद्धि से मुक्ति दिलाने के लिए यह याचिका दायर की. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के आदेश को कानून के विपरीत करार दिया. सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश याची ने कहा कि वह बालिग है, उसने सलमान से शादी की है और अपने पति के साथ रहना चाहती है. जिसपर कोर्ट ने यह आदेश दिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details