प्रयागराजः मासूम छात्रा से अप्राकृतिक यौनाचार के बाद हत्या के दोषी पीयूष वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी झटका मिला है. कोर्ट ने सत्र न्यायालय से मिली आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के जुर्माने को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ हत्या के आरोप के पर्याप्त सबूत हैं. सत्र न्यायालय के फैसले में कोई अवैधानिकता नहीं है. कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी है.
दो आरोपी हुए बरी
वहीं इस मामले की घटना की जानकारी छिपाने और पीड़ित को अस्पताल न ले जाकर लापरवाही से मौत के दो आरोपियों सुधीर कुमार वर्मा उर्फ मुकेश और संतोष कुमार सिंह को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि घठना के दिन ये शहर से बाहर उन्नाव में थे. घटना की जानकारी देने का इनपर विधिक दायित्व नहीं था. इनकी अपील मंजूर कर ली है. इन्हें सत्र न्यायालय ने दस साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई थी. ये फैसला न्यायमूर्ति एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने दिया है.