प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा के दादूपुर गांव में सपा नेता हरेंद्र नागर की गनर सहित हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश सुंदर भाटी और ऋषिपाल व सिंहराज की जमानत अर्जी मंजूर (Allahabad High Court granted bail to Sunder Bhati Rishipal and Singhraj ) कर ली है और जमानत बांड मंजूर होने पर उन्हें इस मामले में जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है. साथ ही अन्य अभियुक्त दिनेश भाटी, योगेश, विकास पंडित,सोनू, बॉबी उर्फ शेर सिंह, अनूप भाटी और यतींद्र चौधरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है.
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है. खंडपीठ ने सभी अभियुक्तों की अपीलों के साथ प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कहा कि विशेष रूप से दिनेश भाटी की भूमिका पर कहा गया है कि उसने हरेंद्र नागर को सामने से गोली मारकर घायल कर दिया था इसलिए वह जमानत पर रिहाई का हकदार नहीं है. उसकी जमानत अर्जी खारिज की जाती है.
योगेश और विकास पंडित, को शूटर कहा गया है. वे एफआईआर में नामजद नहीं हैं. हालांकि मौके से 21 खोखे बरामद किए गए हैं और योगेश के पास से 9 एमएम की पिस्तौल भी बरामद की गई है इसलिए वह भी जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है. उसकी जमानत अर्जी भी खारिज की जाती है. सोनू और बॉबी उर्फ शेर सिंह का नाम एफआईआर में है. उनकी भूमिका विशिष्ट हथियारों से फायरिंग की बताई गई है और उनके पास से हथियार बरामद भी हुए हैं.
इसलिए उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती है और उनकी जमानत अर्जी भी खारिज की जाती हैं. अनूप भाटी को शूटर बताया गया है और एफआईआर में उसका नाम भी है. वह भी जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है. उसकी जमानत अर्जी खारिज की जाती है. यतींद्र चौधरी की फायरिंग में सामान्य भूमिका बताई गई है और एफआईआर में नाम है. वह जमानत पर रिहा होने का भी हकदार नहीं है. उसकी जमानत अर्जी खारिज की जाती है.
8 फरवरी 2015 को हुई थी वारदात:8 फरवरी 2015 को रवींद्र सिंह अपने भाई हरेंद्र नागर, गनर भूदेव शर्मा और अपने चचेरे भाई विकास नागर के साथ एक शादी समारोह में शामिल होने नियाना गांव गया था. दोपहर में जब वे शादी समारोह से लौट रहे थे, तो दिनेश भाटी, सुरेंद्र पंडित, योगेश, विकास, कालू उर्फ कविंद्र, अनूप, मनोज भाटी, पोपी गुर्जर, सोनू, बॉबी और यतेंद्र ने पिस्तौल और राइफलों से लैस होकर उन पर फायरिंग शुरू कर दी, जिससे हरेंद्र नागर और गनर भूदेव शर्मा घायल हो गए. घटना में एक हमलावर भी घायल हो गया और बैंड बजाने वाले एक अन्य अज्ञात व्यक्ति को भी बंदूक से चोट लगी.
घायल हरेंद्र नागर और भूदेव शर्मा (SP leader Harendra Nagar Murder Case) को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. घटना का कारण बताया गया कि हरेंद्र ने आरोपी सिंहराज, सुंदर भाटी और ऋषिपाल के खिलाफ गवाही दी थी, जिसके कारण वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रखते थे. पहले भी दोनों गुटों में झगड़ा हो चुका था. आरोपी सुंदर और सिंहराज ने उनसे कहा था कि वह कोई कार्यक्रम न करें अन्यथा उनके भाई को मार दिया जाएगा.
इसके आधार पर दिनेश भाटी, मनोज भाटी, अनूप भाटी, सुरेंद्र पंडित, पोपी गुर्जर, यतेंद्र चौधरी, सोनू, बॉबी, कालू और कुछ अज्ञात हमलावरों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 302 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया गया अभियुक्तों को दोषी ठहराने के लिए अभियोजन पक्ष ने 18 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष से 10 गवाह पेश किए गए.
ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी सजा: ऋषिपाल, सिंहराज, सुंदर भाटी, योगेश, विकास पंडित, अनूप भाटी, दिनेश भाटी, सोनू, बॉबी उर्फ शेर सिंह और यतींद्र चौधरी को आईपीसी की धारा 302/120 बी के अपराध के लिए प्रत्येक को एक रुपये जुर्माने के साथ आजीवन कारावास, धारा 307/120बी के तहत प्रत्येक को 50 हजार रुपये जुर्माने के साथ 10 साल के कठोर कारावास, धारा 147/149 के तहत प्रत्येक को 10 हजार रुपये जुर्माने के साथ दो साल के कठोर कारावास, धारा 148/149 आईपीसी के तहत प्रत्येक को 10 हजार रुपये जुर्माने के साथ तीन साल कठोर कारावास और सोनू, बॉबी उर्फ शेर सिंह को शस्त्र अधिनियम की धारा 25/27 के तहत प्रत्येक को 10 हजार रुपये जुर्माने के साथ तीन साल कठोर कारावास.
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