प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी सरकार में पूर्व मंत्री रहे मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को फर्जी जन्मतिथि के मामले में चल रहे मुकदमे में आंशिक राहत दी है. कोर्ट ने इस मुकदमे में अभियोजन के गवाह मोहम्मद शफीक से आजम के वकीलों को प्रति परीक्षा का अवसर दिए जाने का निर्देश दिया है. हालांकि, कोर्ट ने आजम खान की अन्य तमाम मांगों को मानने से इनकार कर दिया. आजम खान और अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दिया.
आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए रामपुर में अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्मतिथि के मामले में चल रहे मुकदमे में बचाव पक्ष को उचित अवसर नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. कहा गया कि स्पेशल कोर्ट सीजीएम फर्स्ट की अदालत में चल रहे ट्रायल में बचाव पक्ष को पर्याप्त अवसर नहीं दिया जा रहा है. ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो रहा है. याची की ओर से ट्रायल कोर्ट के समक्ष कई प्रार्थना पत्र दिए गए. लेकिन, वह सभी खारिज कर दिए गए. बचाव पक्ष को कानून के मुताबिक, अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया जा रहा है. बचाव पक्ष ने अभियोजन गवाह मोहम्मद शफीक की प्रेस कॉन्फ्रेंस की पेनड्राइव प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसी प्रकार से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया का वीडियो प्रस्तुत करने की भी मांग की थी. कई अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने और गवाहों की प्रति परीक्षा करने की मांग की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने नहीं माना.
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