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हाईकोर्ट से आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को मिली राहत - आजम खान कोर्ट से राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को फर्जी जन्मतिथि के मामले में राहत दी. कोर्ट ने अभियोजन साक्षी मोहम्मद शफीक से बचाव पक्ष को प्रति परीक्षा का अवसर देने का आदेश दिया.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 19, 2023, 10:56 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी सरकार में पूर्व मंत्री रहे मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को फर्जी जन्मतिथि के मामले में चल रहे मुकदमे में आंशिक राहत दी है. कोर्ट ने इस मुकदमे में अभियोजन के गवाह मोहम्मद शफीक से आजम के वकीलों को प्रति परीक्षा का अवसर दिए जाने का निर्देश दिया है. हालांकि, कोर्ट ने आजम खान की अन्य तमाम मांगों को मानने से इनकार कर दिया. आजम खान और अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दिया.

आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए रामपुर में अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्मतिथि के मामले में चल रहे मुकदमे में बचाव पक्ष को उचित अवसर नहीं दिए जाने का आरोप लगाया है. कहा गया कि स्पेशल कोर्ट सीजीएम फर्स्ट की अदालत में चल रहे ट्रायल में बचाव पक्ष को पर्याप्त अवसर नहीं दिया जा रहा है. ट्रायल निष्पक्ष नहीं हो रहा है. याची की ओर से ट्रायल कोर्ट के समक्ष कई प्रार्थना पत्र दिए गए. लेकिन, वह सभी खारिज कर दिए गए. बचाव पक्ष को कानून के मुताबिक, अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया जा रहा है. बचाव पक्ष ने अभियोजन गवाह मोहम्मद शफीक की प्रेस कॉन्फ्रेंस की पेनड्राइव प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसी प्रकार से नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया का वीडियो प्रस्तुत करने की भी मांग की थी. कई अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने और गवाहों की प्रति परीक्षा करने की मांग की गई थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने नहीं माना.

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दूसरी तरफ प्रदेश सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता का कहना था कि ट्रायल कोर्ट कानून के मुताबिक काम कर रही है. मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वह जिस दस्तावेज को ट्रायल के लिए उचित समझे, उसे रखने की इजाजत दे या गैर जरूरी दस्तावेजों को प्रस्तुत करने से इनकार कर दें.

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि बचाव पक्ष को साक्ष्य के तौर पर दस्तावेज प्रस्तुत करने का अधिकार है. लेकिन, यह ट्रायल कोर्ट का अधिकार है कि वह किसी दस्तावेज को केस के लिए आवश्यक समझती है या नहीं. हालांकि, कोर्ट ने यह माना कि अभियोजक गवाह से प्रति परीक्षा करना बचाव पक्ष का अधिकार है, और उसे यह अवसर मिलना चाहिए. कोर्ट ने अभियोजन साक्षी मोहम्मद शफीक से बचाव पक्ष को प्रति परीक्षा का अवसर दिए जाने का ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है. जबकि, अन्य मामलों में राहत देने से इनकार कर दिया.

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