प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता, एसडीओ और ड्राइवर के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट में दर्ज मुकदमे में उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही शिकायतकर्ता और सरकार से जवाब तलब किया है. इस मामले में दाखिल याचिका पर अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने माधव कुमार द्विवेदी व अन्य की याचिका पर दिया है.
हाईकोर्ट ने SC-ST एक्ट में दर्ज मुकदमें में बिजली विभाग के अधिकारियों को दी राहत, उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक - प्रयागराज समाचार
घूस मांगने और जाति सूचक टिप्पणी करने के मामले में दाखिल याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई की. जिस पर कोर्ट ने विपक्षियों से जवाब मांगा है और तब तक बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता, एसडीओ और ड्राइवर के विरुद्ध एससी-एसटी एक्ट में दर्ज मुकदमे में उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
याचिका पर अधिवक्ता शशि भूषण मिश्र ने बहस की. उनका कहना था कि आपराधिक केस पेशबंदी में कायम किया गया है. याचीगण ने बिजली चोरी के आरोप में शिकायतकर्ता ममता देवी के पति के खिलाफ भदोही थाने में एफ आई आर दर्ज कराई. पेशबंदी में शिकायतकर्ता ने ज्ञानपुर थाने में घूस मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है. इस केस में विवेचनाधिकारी ने कोर्ट में रिपोर्ट दी कि याचीगण सरकारी ड्यूटी का कार्य कर रहे थे, उनपर कोई अपराध नहीं बनता. इस रिपोर्ट की अनदेखी कर अपर सत्र न्यायालय ने सम्मन जारी किया है, जिसे याचिका में चुनौती दी गई है.
शिकायतकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता पर केवल घूस मांगने का ही नहीं,जाति सूचक टिप्पणी करने का आरोप है. इस पर कोर्ट ने विपक्षियों से जवाब मांगा है और तब तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है.