प्रयागराज :प्रदेश के सरकारी बाल गृहों की खराब दशा को लेकर हाईकोर्ट की ओर से स्वतः कायम जनहित याचिका की सुनवाई की गई. कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि सरकारी बाल गृहों में खेलकूद, स्वास्थ्य, पर्यावरण व मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा की व्यवस्था की जाए. जिससे बच्चों के सर्वांगीण विकास में किसी प्रकार की रुकावट न आने पाए.
बच्चों के व्यक्तित्व विकास में न आने पाए बाधा :कोर्ट ने कहा कि जब बच्चे बाल गृह में रहने की अवधि पूरी कर बाहर निकले तो उनको किसी प्रकार की झिझक, दबाव या मानसिक परेशानी का सामना न करना पड़े. मामले की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने कहा कि सरकारी बाल गृहों में रहने वाले बच्चों को भी समाज में रहने वाले सामान्य बच्चों की तरह ही शिक्षा व अन्य क्रियाकलापों में शामिल करना जरूरी है, ताकि उनके व्यक्तित्व विकास में किसी प्रकार की बाधा न आने पाए.