प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के एक इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य का पद 22 वर्षों से रिक्त रहने पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव से पूछा है कि यह पद 22 वर्षों (Principal post vacant for 22 years) से क्यों रिक्त है? कोर्ट ने कहा इस मामले में पूर्व में दाखिल याचिका में स्पष्ट आदेश दिया गया था और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक ने हलफनामा दाखिल कर कार्रवाई करने को भी कहा था. इसके बावजूद यह पद रिक्त है.
हाईकोर्ट बोर्ड से किया सवाल, प्रधानाचार्य का पद 22 साल से रिक्त क्यों
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से सवाल किया है कि प्रधानाचार्य का पद 22 वर्षों से रिक्त (Principal post vacant for 22 years) क्यों है?
यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने गांधी इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति की ओर से दाखिल याचिका पर उनके अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी और सरकार व बोर्ड के वकीलों को सुनकर दिया है. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव से गोरखपुर मंडल में प्रधानाचार्य व अध्यापकों के रिक्त पदों का विवरण पर मांगते हुए गोरखपुर के वर्तमान डीआईओएस ज्ञानेंद्र कुमार सिंह धुरिया और पूर्व में डीआईओएस रहे प्रदीप कुमार मिश्र व सतीश के विरुद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है. कोर्ट ने कहा कि यह जानकारी अपर मुख्य सचिव 18 नवंबर को हलफनामे के माध्यम से प्रस्तुत करें. हलफनामा संतोषजनक नहीं होने पर अपर मुख्य सचिव को 19 नवंबर को न्यायालय में हाजिर होना होगा.
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