प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चारागाह भूमि पर अतिक्रमण कर किए गए अवैध कब्जे को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि गांव सभा की सार्वजनिक उपयोग की चारागाह भूमि पर अतिक्रमण के मामले में सिविल और आपराधिक दोनों कार्रवाइयां की जा सकती है.
उप्र राजस्व संहिता की धारा 67 के तहत बेदखली और नुकसान की भरपाई करने की व्यवस्था है. लोक संपत्ति क्षति निवारण एक्ट की धारा 3 (1) एवं धारा 425 भारतीय दंड संहिता के तहत दंडित करने के लिए आपराधिक कार्रवाई की व्यवस्था की गयी है. राजस्व संहिता में कार्यवाही की सिविल प्रक्रिया होने के कारण आपराधिक कार्रवाई करने पर कोई रोक नहीं है. हाईकोर्ट ने आपराधिक केस को रद्द करने की मांग करते हुए दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति अनिल कुमार की खंडपीठ ने श्रीमती गुजराती देवी इंटर कॉलेज कंधारपुर आजमगढ़ के प्रबंधक देवनाथ यादव की याचिका पर दिया.
इसे भी पढ़ें -इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में हड़ताल पर
याची ने लगाई थी ये गुहार