प्रयागराजः बीएड द्वितीय सेमेस्टर की फीस जमा होने के बावजूद याची का परिणाम रोकने के लिए विश्वविद्यालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. इसके साथ ही दो महीने में इस पर फैसला लेने का निर्देश दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला ने दुर्गा मिश्रा की याचिका पर दिया है.
याचिका पर अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र ने बहस की. इनका कहना था कि बीएड प्रथम सेमेस्टर पास करने के बाद याची ने द्वितीय सेमेस्टर की फीस 30,000 रुपये कॉलेज में जमा किया. कोविड-19 संक्रमण के कारण परीक्षा नहीं हो सकी. छात्रों को प्रोन्नति दे दी गई. किन्तु याची का परिणाम घोषित नहीं किया गया. कॉलेज ने फीस जमा होने की सूचना विश्वविद्यालय को नहीं दी. इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है. कॉलेज ने गलती मानी है. इसके बावजूद उसका परिणाम घोषित नहीं किया गया.