प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रदेश का मूल निवासी होने पर ही नौकरी देने के शासनादेश को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. मंगलवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान पूर्व में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा कट ऑफ डेट के बाद निवास प्रमाणपत्र जमा करने के आधार पर नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने निवास प्रमाण संबंधी याचिका स्वीकार करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी बुलंदशहर को दो माह में शिक्षक भर्ती में चयनित याची को नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है. कहा है कि याची कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से वेतन पाने की हकदार है.
कोर्ट ने कहा चयन के बाद नियुक्ति न करने के बावजूद याची को वेतन दिया जाए. कोर्ट ने कहा काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत पर याची वास्तविक कार्यभार ग्रहण करने से वेतन पाने की हकदार है. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने नीतू की याचिका पर दिया है. याची का सहायक अध्यापक भर्ती 2019 में चयन हुआ. नियम था कि अभ्यर्थी प्रदेश का मूल निवासी हो या पांच साल से लगातार प्रदेश में निवास कर रहा हो और चयन के बाद सत्यापन के समय निवास प्रमाणपत्र दिखाये.