प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पुलिस अभिरक्षा में मौत के आरोपी शहडोल पुलिस (मध्य प्रदेश पुलिस Madhya Pradesh Police) के कांस्टेबल शेर अली की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि पुलिस का दायित्व कानून व्यवस्था बनाए रखने का है. पुलिस अभिरक्षा में मारपीट और टार्चर के बाद मौत सभ्य समाज के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी घटनाओं को लेकर नाराजगी जताई है. ऐसे में आरोपी की रिहाई की गई तो मुकदमे का विचारण प्रभावित हो सकता है. कोर्ट ने कांस्टेबल शेर अली को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने शहडोल पुलिस कांस्टेबल शेर अली की अर्जी पर दिया है. मालूम हो कि वाराणसी के संजय कुमार गुप्ता ने अदालत के आदेश से शहडोल पुलिस पर अपने पिता गोरखनाथ उर्फ ओम प्रकाश गुप्ता का अपहरण कर हत्या करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें दारोगा शंखधर द्विवेदी, शेर अली, दिग्विजय पांडेय, जगत सिंह, आर राजन, सुरेश प्रसाद अग्रवाल, महेश चंद्र अग्रवाल और कुमार गेस्ट हाउस में ठहरे एक अज्ञात व्यक्ति को आरोपित बनाया गया है. वाराणसी के लंका थाने में दर्ज प्राथमिकी में शहडोल पुलिस पर अपहरण कर हत्या करने का आरोप लगाया गया है. पुलिस घर से गोरखनाथ को पकड़कर ले गई थी. शिकायतकर्ता वाराणसी के थानों में पता लगाने को भटकता रहा. इस संबंध में एसएसपी से भी शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.