प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत अध्यापकों के अंतर्जनपदी स्थानांतरण के मामले में प्रोन्नत प्राप्त शिक्षकों को मिले अंतर्जनपदीय स्थानांतरण को रद्द करने के बेसिक शिक्षा परिषद के निर्णय को सही ठहराया है. कोर्ट ने इस आदेश के खिलाफ दाखिल याचिकाएं खारिज कर दी हैं.
श्रद्धा यादव सहित दर्जनों याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी का कहना था कि यदि प्रोन्नत प्राप्त शिक्षकों को दूसरे जनपद में स्थानांतरित किया जाता है और उस जनपद में कार्यरत उसी बैच के शिक्षकों को प्रोन्नति प्राप्त नहीं हुई है तो इससे अव्यवस्था उत्पन्न होगी और सहकर्मियों के साथ काम करने में असहज स्थिति बनेगी.
प्रोन्नत प्राप्त शिक्षकों ने याचिका दाखिल कर कहा था कि उन्होंने वर्ष 2023-24 की स्थानांतरण नीति के तहत अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था. उनका आवेदन स्वीकार हो गया और स्थानांतरण का आदेश भी जारी हो गया. लेकिन, इसके बाद उनको मूल जनपद से कार्य मुक्त नहीं किया गया. इसके खिलाफ शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. बेसिक शिक्षा परिषद ने बताया कि उक्त शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा निरस्त किया जा चुका है. इस पर कोर्ट ने याचिकाएं खारिज कर दीं और नए सिरे से याचिका दाखिल करने की अनुमति दी.