उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

हाईकोर्ट ने रद्द की गोरखपुर के 7 गांवों को नगर पंचायत सीमा में शामिल करने की अधिसूचना - Badhal Village Gorakhpur

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर के 7 गांवों को नगर पंचायत सीमा में शामिल करने की अधिसूचना रद्द कर दी. कोर्ट ने कहा कि निर्धारित प्रक्रिया अपनाए बिना नगर पंचायत का क्षेत्र घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता.

Etv Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट

By

Published : Oct 11, 2022, 11:04 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोरखपुर की बड़हल गांव नगर पंचायत की सीमा में 7 गांव जोड़े जाने संबंधित 10 अगस्त 2022 को जारी राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि नगर पंचायत की सीमा में इन गांवों को जोड़े जाने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. नगर पंचायत एक्ट में दी गई प्रक्रिया का पालन किए बिना नगर पंचायत की सीमा को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता है. सुजीत और पांच अन्य ग्राम प्रधानों ने राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने सुनवाई की.

शिकायतकर्ता का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभु राय का कहना था कि राज्यपाल ने 12 दिसंबर 2020 को अधिसूचना जारी कर नगर पंचायत क्षेत्र में 10 गांव को जोड़ने का प्रस्ताव दिया. इस प्रस्ताव के खिलाफ आपत्तियां लंबित रहते हुए 27 जुलाई 2022 को अधिसूचना जारी कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया. इसके पश्चात 10 अगस्त 2022 को एक और अधिसूचना जारी की गई जिसमें कहा गया कि टाइपिंग की गलती के कारण 7 गांव उक्त अधि सूचना में शामिल किए जाने से रह गए है. इसमें सुधार करते हुए गरथली, संसारपुर, बसावनपुर, मिश्ररौली, कुराव, महूलिआ और खजुहा को भी जोड़ दिया गया. अधिवक्ता की दलील थी कि यूपी म्युनिसिपालिटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार आरंभिक अधिसूचना जारी करके लोगों की आपत्तियों का निस्तारण किए बिना नगर पंचायत की सीमा को घटाया या बढ़ाया नहीं जा सकता है.

सरकारी वकील का कहना था कि 7 गांवों को फाइनल नोटिफिकेशन में जोड़ा गया है. इससे पूर्व लोगों की आपत्तियों और सुझावों का निस्तारण कर दिया गया था. 22 जुलाई 2022 की अधिसूचना में टाइपिंग की गलती से सात गांव जोड़े नहीं गए थे. इसको सुधारते हुए 10 अगस्त 2022 की अधिसूचना जारी की गई है. कोर्ट ने प्रदेश सरकार की इस दलील को अस्वीकार कर दिया. अदालत का कहना था कि हालांकि राज्यपाल को नगर पंचायत की सीमा घटाने या बढ़ाने की शक्ति प्राप्त है, मगर इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है. 7 गांव की सीमा बढ़ाने के संबंध में प्रस्ताव समाचार पत्रों में प्रकाशित करके जन सामान्य को सूचित किया जाना चाहिए था और यदि इस पर कोई आपत्ति करता है तो उसकी आपत्ति का नियमानुसार निस्तारण करके ही अंतिम अधिसूचना जारी की जा सकती है. कोर्ट ने 10 अगस्त 2022 को जारी अधिसूचना को असंवैधानिक व अवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है.

ये भी पढ़ेंःआय से अधिक सम्पत्ति मामले में विवेकानंद डोबरियाल के बेटे की अग्रिम जमानत मंजूर

ABOUT THE AUTHOR

...view details