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कोर्ट ने 10 लाख की वसूली पर लगाई रोक, 14 नवंबर को अगली सुनवाई

उत्तर प्रदेश में बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सैनिक की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने अगली सुनवाई 14 नवंबर निर्धारित कर दी है. वहीं एक अन्य मामले में कोर्ट ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में एक आरोपी को सशर्त रिहा करने का आदेश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : Nov 12, 2020, 5:19 AM IST

प्रयागराजः पूर्व सैनिकों की सेना को दी गई सेवा प्रदेश सरकार की नौकरी में नहीं जोड़ने संबंधी 22 जुलाई 2009 के शासनादेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. कोर्ट ने याची को‌ किए गए नौ लाख 70 हजार रुपये अधिक भुगतान की वसूली पर भी रोक लगा दी है और अगली सुनवाई 24 नवंबर निर्धारित की है. वहीं एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी शिक्षक की जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने याची को शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया है.

साल 2004 में सेना से रिटायर हुए थे राजेंद्र
याची के अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि याची एक फरवरी 2004 को सेना से रिटायर हुए. आठ जुलाई 2005 को पूर्व सैनिक कोटे में राजेंद्र प्रसाद का चयन कांस्टेबल नागरिक पुलिस के पद पर हुआ और गाजियाबाद में तैनाती मिली. एसएसपी गाजियाबाद ने याची की सेना में दी गई सेवा को वर्तमान सेवा से जोड़ते हुए वेतन निर्धारण, पुरानी पेंशन लाभ देने का‌ निर्देश दिया गया. इस बाबत याची को जीपीएफ एकाउंट भी मिल गया और वेतन से फंड की कटौती शुरू हो गई.

नहीं मिलेगी पेंशन
26 दिसंबर 2019 को सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी ने एसएसपी गाजियाबाद को पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि 22 जुलाई 2009 को शासनादेश जारी किया गया, जिसके तहत पूर्व सैन्य कर्मियों की सेवा अब वर्तमान सेवा में नहीं जोड़ी जाएगी. साथ ही एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त लोगों को पुरानी पेंशन भी नहीं दी जाएगी.

धारा-410 का दिया हवाला
बता दें कि पत्र में याची को किए गए नौ लाख 70 हजार रुपये सरप्लस भुगतान की वसूली का निर्देश दिया गया है. अधिवक्ता की दलील थी कि शासनादेश उत्तर प्रदेश पुलिस रेग्युलेशन की धारा 410 के विपरीत है. शासनादेश जारी होने से पूर्व याची पुलिस सेवा में आ चुका था. इसलिए शासनादेश का प्रभाव पूर्व की तिथि से नहीं हो सकता है. कोर्ट ने याची से वसूली पर रोक लगाते हुए अगली तारीख पर 22 जुलाई 2009 का शासनादेश प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी.

दुष्कर्म करने के आरोपी शिक्षक की जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी शिक्षक की जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने याची को शर्तों के साथ जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. वाराणसी के आनंद कुमार की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने सुनवाई की. याची के अधिवक्ता सुदर्शन सिंह का कहना था कि आनंद कुमार के खिलाफ पीड़िता ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें लेने तथा बाद में शादी से मुकर जाने का आरोप लगाया है. इस संबंध में थाना लालपुर पांडेयपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. अधिवक्ता का कहना था कि पीड़िता से दुर्भावना से प्रेरित होकर प्राथमिकी दर्ज कराई है. दोनों के बीच 2018 से प्रेम संबंध और शारीरिक संबंध थे.

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