उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

यूपी: लैब तकनीशियन भर्ती में खाली बचे पदों को भरने पर लगी रोक

By

Published : Nov 4, 2020, 7:04 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लैब तकनीशियन भर्ती में खाली बचे पदों को भरने पर रोक लगा दी है.

allahabad high court
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लैब तकनीशियन भर्ती में खाली बचे पदों को भरने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह आदेश एकल पीठ के फैसले को अपील में चुनौती देने वाले अभ्यर्थियों के चयन अधिकार को संरक्षण देने के लिए दिया है. कोर्ट ने अपील को निस्तारित करने के लिए 16 दिसंबर को पेश करने का निर्देश दिया है. अब इस मामले में आगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने जितेन्द्र कुमार मिश्र व 3अन्य की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. अपील पर कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और महेन्द्र सिंह ने बहस की. 15 सितंबर 2016 को आयोग ने लैब तकनीशियन भर्ती निकाली. परीक्षार्थी भी परीक्षा में सफल घोषित हुए और साक्षात्कार में शामिल हुए.

15 जून 2017 को अंतिम परिणाम घोषित किया गया तो पता चला कि कट आफ मार्क से अधिक अंक पाने के बावजूद सैकडों अभ्यर्थियों का नाम चयन सूची में शामिल नहीं है. इसके बाद इसे कोर्ट में चुनौती दी गई. एकलपीठ ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए चयनित की नियुक्ति पर लगी रोक हटाते हुए चयन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया और याचिकाएं खारिज कर दी. 9 सितंबर 2020 के इस फैसले के खिलाफ विशेष अपील दाखिल की गई है, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने खाली बचे पदों को भरने पर रोक लगा दी है.

68500 सहायक शिक्षक भर्ती
68500 सहायक अध्यापक भर्ती में पुनर्मूल्यांकन के बाद जारी पुनरीक्षित चयन सूची में शामिल अभ्यर्थियों की ऑनलाइन काउंसलिंग की जाएगी. बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार से ऑनलाइन पोर्टल खोलने और काउंसलिंग की अनुमति मांगी गई है, जो विचाराधीन है. परिषद ने 25 जून 2020 को इस आशय का पत्र राज्य सरकार को भेजा है. कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता पीयूष शुक्ल से कहा है कि वह प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर बताएं. याचिका पर अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने शशिकान्त सिंह और अन्य की याचिका पर दिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details