प्रयागराज:बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के विजय टावर के ध्वस्तीकरण के मामले में हाई कोर्ट से पीडीए को झटका लगा है. कोर्ट ने ऐसे ध्वस्तीकरण नोटिसों का ब्यौरा मांगा है जिन नोटिसों पर तीन साल बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कोर्ट ने कहा कि नोटिसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए.
कोर्ट ने पीडीए के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा
गौरतलब है कि पीडीए द्वारा हाइकोर्ट में कमिश्नर के आदेश को चुनौती दी गई थी. याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जहां विपक्षी को ध्वस्तीकरण की नोटिस तामील होने पर संदेह व्यक्त करने के कमिश्नर के आदेश को सही नहीं माना. वही पीडीए द्वारा ध्वस्तीकरण नोटिस जारी करने के बाद कोई कार्रवाई न करने को लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय करने को कहा है. इसके लिए कोर्ट ने पीडीए के सचिव से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है.कोर्ट ने पीडीए से पूछा है कि ऐसी कितनी ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी की गई हैं जिन पर तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
नोटिस जारी कर कोई कार्यवाही न करने का बना हुआ है चलन