प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिव-इन-रिलेशन में रह रहे याचियों से हलफनामा मांगा है कि क्या वे शादीशुदा हैं या नहीं. साथ ही कहा है कि वे अपनी सरकारी नौकरी की सेवा शर्तों सहित पूरा ब्यौरा पेश करें. याचिका की सुनवाई 7 दिसम्बर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी और न्यायमूर्ति डॉ. वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने हरदोई की प्रज्ञा सिंह व बरेली के मेराज अली की याचिका पर दिया है.
सुरक्षा के लिए आए प्रेमी युगल से कोर्ट ने पूछा-शादीशुदा हो या नहीं - न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरक्षा के लिए आए प्रेमी युगल से पूछा है कि वे शादीशुदा हैं या नहीं. यदि लिव-इन-रिलेशन में हैं तो सरकारी नौकरी की सेवा-शर्ते क्या है. कोर्ट ने दोनों से हलफनामा भी मांगा है. कोर्ट ने यह आदेश हरदोई की प्रज्ञा सिंह व बरेली के मेराज अली की याचिका पर दिया है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.
याची ने की यह मांग
याचिका में याचियों के शांतिपूर्ण जीवन में विपक्षियों के हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने की मांग की गई है. याची का कहना है कि वे 2012 से लिव-इन-रिलेशन में रह रहे हैं, किन्तु एसपी बरेली को लिखे पत्र में याची ने स्वयं को दूसरे याची की पत्नी बताया है. याचिका में सरकारी नौकरी का जिक्र नहीं किया गया है. इस पर कोर्ट ने नौकरी का पूरा ब्यौरा पेश करने सहित यह बताने को कहा है कि उनके संबंध क्या है.
Last Updated : Nov 27, 2020, 11:06 PM IST