प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व प्रयागराज जिला प्रशासन से पूछा है कि डेंगू की रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम में चकबंदी अधिकारी क्यों तैनात है और इस भयानक बीमारी से उनका क्या संबंध है.
न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने चकबंदी अधिकारी की तैनाती को लेकर आश्चर्य जताया और कहा कि चकबंदी अधिकारी अब डॉक्टरों का भी काम करेंगे. कोर्ट ने पूछा यह बताया जाए कि इस भयंकर बीमारी की रोकथाम में चकबंदी अधिकारी का क्या योगदान है. सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए सरकार व जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. इसके लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है और एक चकबंदी अधिकारी को इसकी निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है.
डेंगू कंट्रोल रूम में चकबंदी अफसर की ड्यूटी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट बेहद सख्त नज़र आया. शहर में महामारी का रूप ले रहे डेंगू बुखार को लेकर सुओ मोटो जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने अधिवक्ता आईआर सिंह को बतौर एमिकस क्यूरी सहयोग करने को कहा था. शुक्रवार को एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि शहर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए एक रोगी को मुसम्मी का जूस चढ़ा दिया गया. बाद में रोगी की मौत भी हो गई. कोर्ट ने इस पर एमिकस क्यूरी से कहा कि वह इस घटना को लेकर एक हलफनामा दाखिल करें.
एमिकस क्यूरी ने डेंगू की रोकथाम के लिए की जा रही सरकारी कार्यवाही को महज खानापूरी बताते हुए कहा कि प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना होगा और इसके लिए संवेदनशील अधिकारियों की तैनाती करनी होगी. इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन से 10 दिन में हलफनामा मांगा है.
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