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10 साल बाद बेगुनाह साबित हुआ बच्चे की हत्या का अभियुक्त, उम्रकैद की सजा निरस्त

इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने हत्या के मामले में निचली अदालत से दोषी साबित हुए शख्स को 10 साल बाद बेगुनाह ( after 10 years life sentence canceled) करार दिया. इस फैसले से पहले वह शख्स आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था.

Etv Bharat accused of Child murder proved innocent
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Published : Nov 22, 2022, 8:02 PM IST

प्रयागराज : क़त्ल के जुर्म में दस साल जेल की सजा काट चुके अभियुक्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने मंगलवार को निर्दोष करार देते हुए बरी करने का हुक्म दिया है. हाई कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद औरैया के लोटन उर्फ अनिल कुमार सिंह ठाकुर को निर्दोष पाया और उसे सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को निरस्त कर दिया. कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष हत्या के जुड़ा कोई परिस्थितिजन्य साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका.

2006 में औरैया के शिव कुमार के 5 साल के बेटे की हत्या हुई थी. वादी शिव कुमार ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने विवेचना के उपरांत लोटन उर्फ अनिल कुमार सिंह ठाकुर और कोटेदार रामबाबू सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया था. तब लोटन उर्फ अनिल कुमार सिंह ठाकुर ने जुर्म कबूल करते हुए पुलिस को बताया था कि कोटेदार रामबाबू सिंह की दुकान शिवकुमार सिंह की शिकायत पर निरस्त हुई थी. इसी का बदला लेने के लिए उसने रामबाबू सिंह के साथ मिलकर शिवकुमार सिंह के बेटे पवन की हत्या की थी.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय औरैया ने 27 फरवरी 2013 को लोटन उर्फ अनिल कुमार सिंह को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा तथा 10 हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके साथ आईपीसी की धारा 201 के तहत 3 वर्ष की सजा एवं पांच हज़ार रुपये जुर्माने की भी सजा दी थी. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. लोटन की ओर से अधिवक्ता अरिर्मदन यादव और जदूनंदन यादव ने हाई कोर्ट में बहस की . बहस के दौरान वकीलों ने दलील दी कि पवन को ले जाते किसी स्वतंत्र साक्षी ने नहीं देखा और न ही किसी ने हत्या करते हुए देखा. अभियोजन का केस केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है, जिसमें संदेह की गुंजाइश है. अभियोजन पक्ष संदेह को दूर करने में सफल नहीं रहा. इसके बाद न्यायमूर्ति सुनीत कुमार व न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने निचली अदालत की ओर से पारित आदेश को निरस्त कर दिया और लोटन उर्फ अनिल कुमार सिंह ठाकुर को रिहा करने का आदेश पारित किया.

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