प्रयागराजः मैनपुरी के स्कूली छात्रा की फांसी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जांच टीम की स्वतंत्रता पर संदेह व्यक्त किया है. उन्होंने डीजीपी उत्तर प्रदेश 15 सितंबर को तलब किया है. कोर्ट ने कहा है कि एसआईटी की टीम स्वतंत्र नहीं लग रही है. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति ए के ओझा की खंडपीठ ने महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर दिया है.
कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कोर्ट में वीडियो दिखाने का इंतजाम करने को कहा है. 16 साल की छात्रा ने फांसी लगा ली थी. लेकिन उसके गुप्तांग और अंडर गारमेंट पर स्पर्म पाए गए. इसके बावजूद पुलिस टीम अपराधियों तक पहुंचने में विफल रही है.
24 अगस्त 2021 के आदेश के अनुपालन में केस डायरी के साथ एसआईटी की टीम सदस्य हाजिर हुए थे. उन्होंने बताया कि 16 सितंबर 2019 की घटना की एफआईआर 17 जुलाई 2021 को दर्ज कराई गई है.