प्रयागराज: पुलिस इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी के पद पर प्रोन्नत करने के बाद उनके प्रोन्नति आदेश पर रोक लगाने और मूल पद पर वापस भेजने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट का कहना है कि इंस्पेक्टर प्रोन्नति के मामले में विशेष अपील अभी लंबित है. इसलिए याची को दिया गया कोई भी लाभ वापस नहीं लिया जा सकता है. शामली में तैनात डिप्टी एसपी विनय कुमार की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया.
प्रोन्नत डिप्टी एसपी को मूल पद पर वापस भेजने के आदेश पर रोक - प्रोन्नति आदेश पर रोक
पुलिस इंस्पेक्टर को डिप्टी एसपी के पद पर प्रोन्नत करने के बाद उसके प्रोन्नति आदेश पर रोक लगाने और मूल पद पर वापस भेजने के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.
याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और विभू राय ने कहा कि याची को तीन जुलाई 2019 को डिप्टी एसपी के पद पर प्रोन्नति दी गई. इस बीच हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दाखिल एक याचिका के परिपेक्ष्य में अपर मुख्य सचिव गृह ने प्रोन्नति आदेश पर नौ अगस्त 2019 को रोक लगा दी. अधिवक्ता का कहना था कि इंस्पेक्टर से डिप्टी एसपी के पद प्रोन्नति की सूची को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. एकलपीठ ने इंस्पेक्टरों की वरिष्ठता सूची रद्द कर दी और नई सूची बनाने का आदेश दिया.
एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई है. खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश के एक हिस्से (पैरा 39) पर रोक लगा दी. विशेष अपील अभी लंबित है. अधिवक्ता की दलील थी कि एकलपीठ ने प्रोन्नति आदेश को रद्द नहीं किया है. इसलिए याची को प्रोन्नति आदेश रोकना गलत है. कोर्ट ने प्रोन्नति आदेश रोकने के नौ अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी है और याची को डिप्टी एसपी के पद पर सभी परिलाभों के साथ काम करते रहने की अनुमति दी है.