प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संपत्ति के लिए भाभी की हत्या करने के आरोप में अपर जिला सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट बरेली द्वारा दो आरोपियों को सुनाई गई उम्र कैद की सजा रद्द कर दी है. उम्र कैद की सजा भुगत रहे आरोपियों को 23 साल बाद न्याय मिला है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन संदेह से परे अपराध साबित करने में नाकाम रहा. आधी रात हत्या के समय चश्मदीद गहरी नींद में सो रहे थे. अभियोजन पक्ष ने लालटेन का जिक्र किया किंतु बरामद नहीं कर सके. घटनास्थल पर प्रकाश था. पुलिस साबित नहीं कर सकी.
कोर्ट ने तुलाराम और नौबत राम को मिली उम्र कैद की सजा रद्द कर दी. जेल में बंद नौबत राम को तत्काल रिहा करने का निर्देश दिया है. तुलाराम जमानत पर थे. उनकी जमानत का बंधपत्र निरस्त कर दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र (Justice Anjani Kumar Mishra) तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा (Justice Deepak Verma) की खंडपीठ ने बरेली के करौरा गांव के नौबत और अन्य की सजा के खिलाफ अपील मंजूर करते हुए दिया है.
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