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चयन के बावजूद नियुक्ति न देने पर कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

यूपी के लखनऊ में अंग्रेजी माध्यम में नियुक्ति न होने के मामले में कोर्ट ने शनिवार को सुनवाई की. इस दौरान याची ने कहा कि चयन होने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं दी गई. जबकि अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने चयनित अध्यापकों को तैनाती देने का‌ निर्देश दिये थे. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर निर्धारित कर दी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

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Published : Nov 21, 2020, 9:20 PM IST

प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के चयनित शिक्षकों की नियुक्ति न करने के मामले में निदेशक बेसिक शिक्षा लखनऊ से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने पूछा है कि अपर मुख्य सचिव बेसिक के आदेश के बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है.

चयन के बावजूद नियुक्ति नहीं
कोर्ट में याची ने बताया कि वह प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक हैं. उनका चयन परिषद के इंग्लिश मीडियम स्कूलों के लिए किया गया है. लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद चयनित होने के बावजूद उनको अब तक अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में स्थानां‌तरित नहीं किया गया. बेसिक शिक्षा परिषद का कहना है कि कोविड-19 की गाइड लाइन के तहत सरकार ने सभी प्रकार के स्थानांतरण पर रोक लगा रखी है, जिसके चलते शिक्षकों को तैनात नहीं किया जा रहा है.

सरकार ने लगाई थी स्थानांतरण पर रोक
अधिवक्ता ने कहा कि कोविड-19 के चलते सरकार ने 12 मई को स्थानांतरण पर रोक लगाई थी. हालांकि अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने 29 मई को आदेश जारी किए. उन्होंने अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के लिए चयनित अध्यापकों को तैनाती देने का‌ निर्देश दिया है. इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.

अगली सुनवाई 26 नवंबर को
कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के शिक्षकों का स्थानांतरण और तैनाती सरकार अलग से करेगी. यह निर्णय स्थानांतरण पर रोक के आदेश के बावजूद सरकार ने लिया है तो यह समझ से परे है. कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश पारित करने से पूर्व निदेशक बेसिक शिक्षा लखनऊ को हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी.

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