प्रयागराज:पूरब का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी को आईएएस-पीएसीएस की फैक्ट्री भी कहा जाता है. बीते दो दशक से इस फैक्ट्री के छात्रों की यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने की रफ्तार थम गई है, वहीं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने वालों की संख्या में भी कमी आई है. इसको देखते हुए इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय एक बार फिर से अपने पुराने गौरव को हासिल करने के लिए नयी पहल करने जा रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय डॉ. आंबेडकर सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित करने जा रहा है. यहां पर एससी वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए निशुल्क कोचिंग दी जाएगी.
विश्वविद्यालय केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से डॉ. आंबेडकर सेंटर फॉर एक्सीलेंस की शुरुआत करने जा रहा है. यहां एससी वर्ग के 100 छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोचिंग दी जाएगी. इसके लिए टेस्ट के आधार पर सौ छात्रों का चयन किया जाएगा. इसमें 33 फीसदी सीट छात्राओं के लिए रिजर्व रखी जाएगी. छात्राओं की संख्या पूरी न होने की दशा में छात्रों को अवसर दिया जाएगा. इस सेंटर में छात्रों को पढ़ाने के लिए अलग से तीन शिक्षकों को तैनात किया जाएगा, जो सिर्फ छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी करवाएंगे. जबकि इस सेंटर की निगरानी के लिए विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक तैनात रहेंगे.
इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर का पद संभालने के बाद से ही प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव निरंतर विश्वविद्यालय की शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास कर रही हैं. उसी के तहत विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है. वहीं, केंद्र सरकार के सहयोग से इलाहाबाद सेंट्रल विश्वविद्यालय में डॉ. आंबेडकर सेंटर फॉर एक्सीलेंस बनाया जा रहा है. यहां पर सौ छात्रों को विश्वविद्यालय में पढ़ाई के साथ ही इस सेंटर पर सिविल सेवा परीक्षा के लिए कोचिंग दी जाएगी.