प्रयागराज: एसटीएफ की प्रयागराज इकाई (Prayagraj Unit of STF)ने एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार (Fake IPS officer arrested)किया है. पकड़ा गया फर्जी आईपीएस अधिकारी कौशाम्बी जिले का (Fake IPS officer resident of Kaushambi) निवासी है. उसे एसटीएफ ने प्रयागराज में हाईकोर्ट के पास से उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वह नकली वर्दी पहनकर शिक्षक से मिलने पहुंचा था. वहीं, बताया गया कि पकड़ा गया फर्जी आईपीएस प्रयागराज में ही रहकर सिविल सेवाओं की परीक्षाओं की तैयारी करता था. आईपीएस अधिकारी बनकर ब्लैकमेल करके ठगी करने पहुंचे विपिन कुमार चौधरी को एसटीएफ ने सटीक सूचना मिलने के बाद प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास से दबोच लिया, जिसके बाद एसटीएफ की पूछताछ में उसने फर्जी आईपीएस बनने की असल वजह बताई.
मां की वजह से बना फर्जी आईपीएस अधिकारी
विपिन कुमार चौधरी की मां सहायक अध्यापिका हैं और उनकी तैनाती कौशाम्बी जिले के मनकापुर प्राथमिक विद्यालय में है. शिक्षिक होने के नाते मां की ड्यूटी बीएलओ व अन्य कार्य के लिए लगती थी. मां-बेटे को लगता था कि उसी विद्यालय के प्राथमिक सुशील कुमार सिंह अपनी पकड़ की वजह से उसकी मां सुमति देवी की अलग-अलग कार्यों में ड्यूटी लगवाकर उन्हें परेशान करता है. जिस वजह से सुशील कुमार सिंह से बदला लेने को विपिन चौधरी ने फर्जी आईपीएस बनकर सुशील कुमार को ब्लैकमेल करने की योजना बना डाली.
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फर्जी आईपीएस का रूप धारण कर सुशील कुमार सिंह के प्रथम नियुक्ति वाले स्कूल फतेहपुर पहुंच गया, जहां से जांच के नाम पर 2006 से 2019 तक के सुशील कुमार सिंह की हाजिरी के रजिस्टर की फोटो कॉपी हासिल की. साथ ही उस स्कूल में कागजों की प्राप्ति के बाद जो दस्तखत किया था. उसमें जालसाज ने अपना नाम रवीन्द्र कुमार पटेल आईपीएस एसटीएफ ब्रांच लखनऊ लिखा हुआ था. इस दस्तावेज को हासिल करने के बाद फर्जी आईपीएस अधिकारी ने सुशील कुमार सिंह व उसके साथी राजेश सिंह को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया. यही नहीं उसने सुशील कुमार को मिलने के लिए रविवार को प्रयागराज में बुलाया थास, जहां पर एसटीएफ ने उसे रंगे हाथों उस वक्त दबोच लिया, जब वो नकली वर्दी पहनकर आईपीएस अधिकारी के रूप में दो शिक्षकों से मिलने पहुंचा था.
एसटीएफ को मिल गई थी जानकारी
फर्जी आईपीएस बनकर वर्दी में घूमने वाले नकली एसटीएफ के अधिकारी के बारे में एसटीएफ को भनक लग चुकी थी. फतेहपुर के स्कूल में जाकर जिस तरह से नकली आईपीएस ने शिक्षक के बारे में जानकारी हासिल की और उसके हाजिरी के रजिस्टर की कॉपी प्राप्त की थी. उसी के बाद से एसटीएफ को इस जालसाज की भनक मिल गयी थी. एसटीएफ को सूचना मिली कि रविवार को फर्जी आईपीएस अधिकारी हाईकोर्ट के नजदीक हनुमान मंदिर चौराहे के पास उन्हीं शिक्षकों से मिलने पहुंचने वाला है. इतनी जानकारी के बाद एसटीएफ ने पहले से ही घेराबंदी कर ली थी, जिसके बाद किराए की कार से नकली वर्दी पहनकर पहुंचे फर्जी आईपीएस अधिकारी को एसटीएफ दबोच लिया और अपने साथ ले गई. इसके बाद पूछताछ में उसने पूरी कहानी पुलिसवालों के सामने बयां की. एसटीएफ ने नकली आईपीएस को सिविल लाइंस पुलिस के हवाले कर दिया गया, जहां उसके खिलाफ 420 समेत कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
नकली आईपीएस के पास से मिले कई फर्जी दस्तावेज
पकड़े गए फर्जी आईपीएस अधिकारी के पास से पुलिस को आईपीएस की नकली वर्दी के साथ ही पहचान पत्र, डायरी समेत कई और दस्तावेज बरामद हुए हैं. इसके साथ ही फतेहपुर के स्कूल से हासिल किए गए हाजिरी रजिस्टर की कॉपी भी मिली है. साथ ही कैश व डिमांड ड्राफ्ट के अलावा कई और कागजात मिले हैं, जिसके बारे में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है.