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सिर्फ वोट मांगने आते हैं प्रधान, गाड़ी जाने तक का नहीं है रास्ता - villagers uncovered development work during

प्रतापगढ़ जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं. गांवों में हो रहे पंचायत चुनावों के उम्मीदवारों के द्वारा जातीय समीकरण साधने की कोशिश की जा रही है. ईटीवी भारत की टीम ने प्रतापगढ़ जिले के ब्लॉक बाबा बेलखरनाथ अंतर्गत बसीरपुर गांव का दौरा किया. यहां विकास कार्यों से ज्यादातर लोग असंतुष्ट दिखाई दिए.

विकास कार्यों की हकीकत बयां करते ग्रामीण
विकास कार्यों की हकीकत बयां करते ग्रामीण

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Published : Apr 1, 2021, 12:01 AM IST

प्रतापगढ़ : प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को को लेकर प्रशासन ने भी तैयारी पूरी कर ली है. ऐसे में ग्रामीण स्तर के नेता चुनाव में जुट गए हैं. इन सब के बीच ईटीवी भारत प्रतापगढ़ जिले के गांवों में पहुंचकर बीते 5 साल में हुए विकास कार्यों का जायजा ले रहा है. ग्रामीण खुद विकास कार्यों की हकीकत बयां कर रहे हैं. इसी क्रम में ईटीवी भारत प्रतापगढ़ जिले के ब्लॉक बाबा बेलखरनाथ अंतर्गत बसीरपुर गांव में पहुंचा और ग्रामीणों से विकास कार्यों की हकीकत जानी.

विकास कार्यों की हकीकत बयां करते ग्रामीण

प्रतापगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं. इस कारण से गांवों में लगातार समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं. गांवों में पंचायत चुनावों के उम्मीदवारों के द्वारा जातीय समीकरण साधने की कोशिश की जा रही है. ईटीवी भारत की टीम ने प्रतापगढ़ जिले के ब्लॉक बाबा बेलखरनाथ अंतर्गत बसीरपुर गांव का दौरा किया. विकास कार्यों पर बातचीत में ज्यादातर लोग असंतुष्ट दिखाई दिए. आने वाले चुनावों में जातीय समीकरण को धता बताते हुए लोगों ने विकास कार्यों पर वोट देने में रुचि दिखाई.

ईटीवी भारत के सामने ग्रामीणों ने रखी अपनी राय

प्रतापगढ़ के ब्लॉक बाबा बेलखरनाथ धाम अंतर्गत बशीरपुर का यह गांव विकास से अछूता है. ग्रामीणों ने अब तक हुए विकास कार्यों को लेकर असंतुष्टि जताई है. वहां मौजूद लोगों ने सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचाने में अधिकारी स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार की शिकायत की है. इस दौरान ग्रामीण सड़क, गांवों में शौचालय और गरीबों को राशन आसानी से उपलब्ध हो सके, इसके लिए ग्रामीण एक ईमनदार जनप्रतिनिधि को वोट करने के पक्ष में बोलते दिखाई दिए.

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कच्चे रास्तों से गुजरते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों के घर तक जाने वाला रास्ता कच्ची मिट्टी का है. उन्हें गंदी नालियों से गुजर कर जाना पड़ता है. अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो यहां कोई गाड़ी भी नहीं आ सकती. इसे लेकर प्रधान से कई बार शिकायत की गई है. लेकिन, सिर्फ चुनाव के समय ही प्रधान लोगों से मिलने आते हैं. उसके बाद वे दिखाई भी नहीं देते.

घर-घर नहीं पहुंची बिजली

ग्रामीणों का कहना है कि सरकार सौभाग्य योजना के तहत घर-घर बिजली पहुंचाने का दावा कर रही है, लेकिन उनके घरों में आज तक बिजली का तार नहीं पहुंचा है. 1 किलोमीटर दूर से लोगों ने बल्ली के सहारे बिजली का तार बिछाया हुआ है. वह भी हादसे को दावत दे रहा है. बारिश हो जाए तो पानी में चलकर घर तक आना जाना पड़ता है. इस बारजनप्रतिनिधि से विकास की उम्मीद है.

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