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मुर्गे की तेरहवीं में 500 लोगों ने किया भोज, बकरी का बच्चा बचाने में गई थी जान - मुर्गे की तेहरवीं की ताजी न्यूज

प्रतापगढ़ में एक मुर्गे की मौत के बाद मालिक की ओर से उसकी आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं का आयोजन किया गया. इसमें 500 लोगों को भोज कराया गया.

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प्रतापगढ़ में बुधवार को हुआ मुर्गे की तेहरवीं का आयोजन.

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Published : Jul 21, 2022, 5:36 PM IST

Updated : Jul 21, 2022, 5:43 PM IST

प्रतापगढ़ःजिले के फतनपुर थाना अंतर्गत एक शख्स ने अपने पांच साल के मुर्गे की मौत के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए तेरहवीं का आयोजन किया. तेरहवीं में पांच सौ से ज्यादा लोगों ने भोज किया. सभी ने मुर्गे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

प्रतापगढ़ जिला के फतनपुर थानाक्षेत्र के बेहदौल कला गांव निवासी डॉ. शालिकराम सरोज क्लीनिक चलाते हैं. घर पर उन्होंने बकरी व एक मुर्गा पाल रखा था. मुर्गे से पूरा परिवार इतना प्यार करने लगा कि उसका नाम लाली रख दिया. 8 जुलाई को एक कुत्ते ने डॉ शालिकराम की बकरी के बच्चे पर हमला कर दिया. यह देख लाली कुत्ते से भिड़ गया. बकरी का बच्चा तो बच गया लेकिन लाली खुद कुत्ते के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था.

प्रतापगढ़ में बुधवार को हुआ मुर्गे की तेहरवीं का आयोजन.

9 जुलाई की शाम लाली ने दम तोड़ दिया. घर के पास उसका शव दफना दिया गया. यहां तक सब सामान्य था लेकिन जब डॉ शालिकराम ने रीतिरिवाज के मुताबिक मुर्गे की तेरहवीं की घोषणा की तो लोग चौंक उठे. इसके बाद अंतिम संस्कार के कर्मकांड होने लगे. सिर मुंडाने से लेकर अन्य कर्मकांड पूरे किए गए. बुधवार सुबह से ही हलवाई तेरहवीं का भोजन तैयार करने में जुट गए. शाम छह बजे से रात करीब दस बजे तक 500 से अधिक लोगों ने तेरहवीं में पहुंचकर खाना खाया. इसकी चर्चा दूसरे दिन भी इलाके में रहीं.

अनुजा सरोज का कहना है कि लाली मुर्गा मेरे भाइयों जैसा था. उसकी मौत के बाद 2 दिनों तक घर मे खाना नही बना. मुर्गे को रक्षाबंधन पर राखी बांधते थे. तेहरवीं में पांच सौ लोगों को भोज कराया गया. उन्होंने बताया कि तेरहवीं के आयोजन में 40 हजार रुपए खर्च किए गए हैं.

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Last Updated : Jul 21, 2022, 5:43 PM IST

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