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प्रतापगढ़: डीएम बोले, स्वामित्व योजना में सर्वेक्षण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर हो

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जिलाधिकारी डॉ. रूपेश कुमार ने मंगलवार को कैम्प कार्यालय के सभागार में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत सर्वेक्षण कार्य के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की.

बैठक करते जिलाधिकारी रूपेश कुमार.
बैठक करते जिलाधिकारी रूपेश कुमार.

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Published : Aug 11, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST

प्रतापगढ़: जिलाधिकारी डॉ रूपेश कुमार ने स्वामित्व योजना के अन्तर्गत सर्वेक्षण कार्य के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि स्वामित्व योजना के अन्तर्गत सर्वेक्षण का कार्य पूरी निगरानी के साथ सम्पन्न कराएं. ग्राम आबादी में व्यक्तिगत सम्पत्तियों, सरकारी सम्पत्ति, ग्रामसभा भूमि पार्सल, सड़कें, खुले भूखंड आदि की पहचान और सर्वेक्षण किए जाने वाले सम्पत्ति क्षेत्रों की सीमाओं के चिह्नांकन के लिए सर्वे टीम गठित की जाए. इन टीमों में राजस्व विभाग और ग्राम पंचायत के कर्मचारी सदस्य होंगे.

जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण के समय पुलिस बल की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. पंचायती राज विभाग ग्राम के निवासियों को सर्वेक्षण की अनुसूची के बारे में सूचित करने और इसके लाभों की जानकारी के लिए ग्रामसभा में बैठक आयोजित की जाए. इसके साथ ही पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम सभा सम्पत्ति पंजिकाओं को भी अद्ययावधिक किया जाए. प्रथम सर्वेक्षण में सर्वे टीम द्वारा व्यक्तिगत सम्पत्तियों, सरकारी सम्पत्ति, ग्रामसभा भूमि पार्सल, सड़कें, खुले भूखंड आदि का सर्वेक्षण किए जाने वाले सम्पत्ति क्षेत्रों को चूना लाइन द्वारा चिह्नित किया जाएगा, जबकि विवादित सम्पत्तियों को दोहरी चूना लाइन से दर्शाया जाएगा. जिलाधिकारी ने कहा कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी क्षेत्र के मानचित्रण के लिए ड्रोन से तस्वीरें ली जाएंगी. जिसकी जांच भारत की भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशाला में की जाएगी.

भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा आबादी मानचित्र तैयार कर सहायक अभिलेख अधिकारी और उपजिलाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा. जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सर्वेक्षण को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए. पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित ग्रामों में ड्रोन सर्वेक्षण के बाद निस्तारण की कार्यवाही निर्धारित समय पर पूरी की जाए. साथ ही ग्रामीण आबादी की घरौनी प्रत्येक दशा में 20 सितम्बर तक पूरी कर ली जाए, ताकि चयनित ग्रामों में 2 अक्टूबर को घरौनी का वितरण किया जा सके.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST

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